HomeFaridabadएक शख्स जिसके पास जाना आपकी आदत और लत बन जाएगी, चाह...

एक शख्स जिसके पास जाना आपकी आदत और लत बन जाएगी, चाह कर भी उसके डोसे छोले को नहीं भूल पाएंगे

Published on

अलग अलग व्यंजनों का लुत्फ उठाना और जिंदगी एंजॉय करना आज के बच्चें, युवा और बुजुर्गों सबको अपनी ओर आकर्षित करता हैं। आज कल अलग अलग व्यंजनों का जायका लेना हो तो नए नए आविष्कार आपको हर जगह देखने मिलते होंगे। कुछ डिश ऐसी होती है, जो लोगों के होठों पर स्वाद का असर इस कदर हावी होती हैं कि लोग चाहकर भी उसे भूल नहीं पाते हैं।

ऐसा ही कुछ दृश्य हरियाणा के फरीदाबाद जिलें में देखने को मिल रहा हैं, जहां ऐसी ही एक डिश के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसने आज अनेकों लोगों को अपना दीवाना बना लिया है। दरअसल, इस डिश का नाम डोसा छोले है। इस डिश को सुरेंद्र डोसा छोले वालों के द्वारा करीब 60 वर्ष पहले बनाया गया था।

एक शख्स जिसके पास जाना आपकी आदत और लत बन जाएगी, चाह कर भी उसके डोसे छोले को नहीं भूल पाएंगे

आज ये डिश हरियाणा के फ़रीदाबाद में मिलती है और आज अनेकों लोग इस डिश के दीवाने हो चुके हैं। वहीं इस शॉप पर भी कई तरह की अनोखी डिश बनाई जाती हैं जो ग्राहकों को खूब पसंद आती हैं। आइए जानते हैं इस डिश और डिश को तैयार करने वालों से जुड़ी कुछ खास बात

पिछले 60 सालों से लोगों द्वारा खूब पसंद की जा रही है। इस डिश को डोसा छोले के नाम से जाना जाता है जिसे हरियाणा के फ़रीदाबाद की सुरेंद्र डोसा छोले नाम की शॉप पर ही बनाया जाता है।

एक शख्स जिसके पास जाना आपकी आदत और लत बन जाएगी, चाह कर भी उसके डोसे छोले को नहीं भूल पाएंगे

बता दें कि सुरेंद्र डोसा छोले वाले इस क्षेत्र में करीब 60 सालों से काम कर रहे हैं। पाकिस्तान और भारत के बँटवारे के बाद उनका परिवार भी भारत आ गया था और यहाँ आकर खाने पीने की चीजों का बिज़नस करना शुरू कर दिया था। 1961 में ही इस शॉप द्वारा डोसा छोले बनाए गए थे जो सभी को बेहद पसंद भी आए थे। आज इतने वर्षों बाद भी सुरेंद्र डोसा छोले वालों के स्वाद को कोई भी मात नहीं दे पाया है। आज लोग दूर दूर से उनके शॉप पर डोसा छोले का स्वाद चखने के लिए आते है

सुरेन्द्र डोसा छोले वालों के मुताबिक एक बार एक कस्टमर को उन्होंने ब्रेड पर आलू लगाकर और उसे तलकर खिलाए थे जो कस्टमर को भी खूब पसंद आया था। बस इसी के बाद इसमें थोड़े से बदलाव कर इस डिश को डोसा छोले का नाम गया गया। क्यूंकि डोसा भी तवे पर तैयार होता है और डोसा छोले के लिए ब्रेड भी तवे पर तैयार किया जाता है इसलिए इस डिश को डोसा छोले का नाम दिया गया।

इस डिश को बनाने के लिए सबसे पहले ब्रेड पर आलू लगाया जाता है और उसके बाद ब्रेड को सेंका जाता है। इसके बाद इसी ब्रेड पर गरमागर्म छोले, मसाला, प्याज़ और चटनी डाली जाती है जो देखने में और खाने में भी बेहद स्वाद लगता है। आज कई लोगों के सुबह की शुरुआत ही सुरेन्द्र डोसा छोले वालों की इस डिश के साथ होती है।

इसके साथ साथ सुरेन्द्र डोसा छोले कई तरह की और भी डिश बनाते हैं। जिसमें डोसा छोले सैंडविच भी शामिल हैं। जिसमें पूरी प्रक्रिया डोसा छोले जैसी ही रहती हैं लेकिन डिश को दोनों तरह से ब्रेड से ढक दिया जाता है। ये डिश भी खाने में बेहद स्वादिष्ट लगती है। सुरेन्द्र डोसा छोले वालों की दुकान हरियाणा के फ़रीदाबाद के एनआईटी -2 में है। आज हर कोई उनकी बनाई डिश को बेहद पसंद भी करता है।

Latest articles

फरीदाबाद की सड़कों पर नहीं जलती स्ट्रीट लाइट, अगर हो रोशनी तो कर्तव्य पथ पर बेधड़क चले महिलाएं।

यूं तो फरीदाबाद में महिला अपराध के खिलाफ काफी सकती है, लेकिन आज भी...

फरीदाबाद में नो एंट्री होने के बाद भी दौड़ रहे हैं भारी वाहन, नियमों का पालन नहीं, ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही।

ट्रैफिक पुलिस ने भले ही दिल्ली की तर्ज पर सुबह-शाम हैवी वाहनों के प्रवेश...

फरीदाबाद के पर्यावरण को दुरुस्त रखने के लिए, सरकार इस बार लगाएगी मॉनसून में पौधे, जाने पूरी खबर।

शहर के पर्यावरण को दुरुस्त रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाना...

More like this

फरीदाबाद की सड़कों पर नहीं जलती स्ट्रीट लाइट, अगर हो रोशनी तो कर्तव्य पथ पर बेधड़क चले महिलाएं।

यूं तो फरीदाबाद में महिला अपराध के खिलाफ काफी सकती है, लेकिन आज भी...

फरीदाबाद में नो एंट्री होने के बाद भी दौड़ रहे हैं भारी वाहन, नियमों का पालन नहीं, ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही।

ट्रैफिक पुलिस ने भले ही दिल्ली की तर्ज पर सुबह-शाम हैवी वाहनों के प्रवेश...

फरीदाबाद के पर्यावरण को दुरुस्त रखने के लिए, सरकार इस बार लगाएगी मॉनसून में पौधे, जाने पूरी खबर।

शहर के पर्यावरण को दुरुस्त रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाना...