जब से देश में 3G, 4G की सेवा शुरू हुई है तब से लोगों ने एंड्रॉयड स्मार्टफोन की तरफ अपना रुख कर लिया है। आज आप हर किसी के हाथ में केवल एंड्रॉयड या आईफोन। ऐसे बहुत ही कम लोग होंगे जिन्हें एंड्रॉयड फोन चलाना नहीं आता। कई उपभोक्ता ऐसे भी हैं जिनके पास एंड्रॉयड और कीपैड (बटन वाला फोन) दोनों तरह के फोन हैं। मोबाइल की बैट्री को बार-बार चार्ज करने से बचने के लिए काफी संख्या में लोगों ने दो-दो मोबाइल फोन का कनेक्शन ले रखा है।
काल करने के लिए वे लोग कीपैड मोबाइल फोन का प्रयोग करते हैं और इंटरनेट के लिए एंड्रायड फोन। गांव या छोटे कस्बे में रहने वाले साधारण लोग आज भी 2G या 3G से चलने वाला फोन रखते हैं।
लेकिन अगर आप दिल्ली एनसीआर में जा रहे हैं तो स्मार्ट या एंड्रायड फोन ही लेकर जाएं। नहीं तो आप मुसीबत में फंस जाएंगे अगर रास्ता भूल गए या किसी नई जगह पर जा रहे है तो किसी को कॉल भी नहीं कर पाएंगे और इंटरनेट भी नहीं चला पाएंगे।
बता दें कि मोबाइल कंपनियों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्र गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे इलाकों में 2G नेटवर्क को पूरी तरह से बंद कर दिया है। जबकि देश के अन्य सभी स्थानों पर 2G, 3G व 4G नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है।
राजधानी में पहुंचते ही 2G नेटवर्क वाला मोबाइल हैंडसेट से सिग्नल पूरी तरह से गायब हो जाएगा। उसके बाद न तो आप कॉल कर पाएंगे और न ही इंटरनेट चला पाएंगे। जानकारी के अभाव में बाहर के उपभोक्ता दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में आते ही परेशान हो जाते हैं।
मोबाइल और इंटरनेट का युग आने से PCO की व्यवस्था भी लगभग खत्म ही हो चुकी है। ऐसे में व्यक्ति अपने परिवार वालों या अन्य किसी से काल कर संपर्क नहीं कर पाता है। राष्ट्रीय राजधानी की सीमा से बाहर आते ही परेशान उपभोक्ता का मोबाइल अपने आप शुरू हो जाता है।
मोबाइल कंपनियां राजधानी के बाहर के क्षेत्रों में अभी भी कॉल करने की सुविधा के साथ धीमी गति की इंटरनेट की सुविधा टू जी नेटवर्क पर उपलब्ध करता है।
उप-महाप्रबंधक राकेश बिष्ट ने बताया कि राजधानी क्षेत्र में 2G नेटवर्क को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसलिए 2G नेटवर्क वाला हैंडसेट यहां पहुंचते ही काम करना बंद कर देता है। 2G मोबाइल सेट से सिम निकाल कर एंड्राइड मोबाइल हैंडसेट में सिम कार्ड डालते ही सिग्नल मिलना शुरू हो जाएगा।