कहते है कोई साथ दे या या दें, लेकिन बुढ़ापे में एक पेंशन है जो साथ देती हैं। मगर इन दिनों बुढ़ापा पेंशन के लिए बुजुर्ग परेशान हो रहे हैं, इसका कारण यह है कि वह नए नियमों से अनजान हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को जहां समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में बुजुर्गों को मेडिकल के लिए घंटों लाइन में लगना परेशानी का सबब बना रहा तो वहीं, अब बुधवार को मेडिकल से संबंधित दस्तावेजों पर साइन कराने व फीस जमा कराने के लिए सिविल अस्पताल में लाइन में लगना पड़ा।
सुबह सुबह की ठंड में बुजुर्गों को घंटो तक लाइन में खड़ा होना मुसीबत बना हुआ था। तो वहीं घंटो बाद जाकर कुछ दस्तावेज उनके हाथ लगे, जिसे वैरिफाई कराने के लिए डाक्टरों के चक्कर काटने पड़े। परेशानी को देखते हुए कई बुजुर्गाें ने यहां तक कह दिया कि ऐसी पेंशन से अच्छा तो घर पर ही ठीक हैं।
जिन बुजुर्गाें के पास अपनी आयु का दस्तावेज नहीं है। उन्हें मेडिकल कराना पड़ता है। इसके लिए ही मंगलवार को बुजुर्गाें को सेक्टर 17 स्थित समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में बुलाया गया था। यहां पर सुबह चार बजे से बुजुर्गाें की लाइन लग गई थी। चिकित्सकों की टीम ने जांच की।
देर शाम तक जांच का कार्य चलता रहा। यहां से जांच कराने के बाद इन बुजुर्गाें को सिविल अस्पताल में प्रमाण पत्र के लिए 100 रुपये की फीस जमा कराने के लिए जाना पड़ा। इसके बाद उनके फार्म को चिकित्सकों द्वारा वैरिफाई किया गया। जो बुजुर्ग मंगलवार को दस्तावेज तैयार नहीं करा सके। वह बुधवार को सिविल अस्पताल में पहुंचे थे।
सिविल अस्पताल में प्रमाण पत्र की फीस जमा कराने के लिए सुबह आठ बजे ही बुजुर्ग पहुंचान शुरू हो गए थे। उनसे फीस लेकर पर्ची दी जा रही थी। फीस जमा कराने के लिए लंबी लाइन लगी हुई थी। कुछ पर्ची लेकर फार्म वापस मिलने का इंतजार कर रहे थे।