संक्रमण का लहर देश भर में एक बार फिर तूल पकड़ता हुआ प्रतीत हो रहा है।ऐसे में जहां सरकार ने संक्रमण से बचने हेतु लगाई जाने वाली वैक्सीन को कंपल्सरी कर दिया तो वहीं इंसानों के अलावा जानवरो को भी इस संक्रमण से बचाने का प्रयास जल्द ही कारगर साबित होगी।
इसके लिए जानवरों वैक्सीन लगवाई जाएगी।इसके चलते इस वैक्सीन को बनाने का कार्य हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के विज्ञानी कर रहे थे। विज्ञानी अपने कार्य में सफल हो गए हैं। पशुओं के लिए देश में कोविड-19 की पहली वैक्सीन तैयार कर ली गई है। इसकी एडंवास स्टेज चल रही है। जिसमें इस वैक्सीन को पशुओं को दिया जाना है।
विज्ञानी इसके लिए पिछले कुछ समय से सेना व चिड़ियाघरों के प्रशासन के संपर्क साधे हुए थे। इसकी स्वीकृति मिल गई है। सबसे पहले सेना के कुत्तों को कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा ताकि उन्हें कोविड से बचाया जा सके। इसके साथ ही चिड़ियाघरों में बिल्ली प्रजाति जिसमें शेर, चीता, तेंदुआ आदि को वैक्सीन दी जाएगी। इन जानवरों को वैक्सीन देने के लिए एनआरसीई प्रबंधन जू अथारिटी से पत्राचार कर रहा था। विज्ञानियों की मानें तो दीपावली के बाद टीका लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा
कोविड -19 का सबसे अधिक खतरा कुत्तों और बिल्ली प्रजाति के जानवरों में है ऐसे में शुरुआत इन्ही जानवरों पर प्रयोग कर की जा रही है। गौरतलब है कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान हैदराबाद में एशियन शेरों में कोविड-19 का संक्रमण पाया गया था तभी से आईसीएआर का पशु प्रभाग के उपमहानिदेशक डा. बीएन त्रिपाठी ने इस ओर काम करने के एनआरसीई को निर्देश दिए थे ताकि पशुधन काे बचाव को रक्षा कवच तैयार किया जा सके।
जानवरों पर प्रयोग होने वाली इस वैक्सीन का प्रयोग लैब में विज्ञानियों ने सबसे पहले खरगोश व चूहों पर किया है। जिसके सकारात्मक परिणाम रहे हैं। इसके बाद ही इसे एडवांस स्टेज के लिए भेजा गया। जिसमें अन्य जानवराें को भी यह वैक्सीन दी जा सकेगी।