एक समय में अंग्रेजों द्वारा शुरू की लाल डोरा की व्यथा से अब हरियाणा के तकरीबन 300 गांव मुक्त हो चुके हैं। दरअसल, इस व्यथा के मुताबिक जमीन पर जिसका कब्जा होता है, वही उसका मालिक होता है, दरअसल, लाल डोरा के अंतर्गत आने वाली जमीन की रजिस्ट्री नहीं हुई होती हैं। यही सबसे बड़ा कारण हैं की आमजन को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है,मगर अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
उक्त व्यवस्था को खत्म करने हेतु राज्य द्वारा स्वामित्व योजना शुरू हुई थी। वाहन फिलहाल इसके तहत अभी तक 13 लाख 45 हजार से ज्यादा संपत्ति कार्ड बन चुके हैं। वैसे तो इन संपत्ति कारणों में से चार लाख कार्ड वितरित कर दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तकरीबन 1 वर्ष पहले हरियाणा से लाल डोरा को खत्म करने के लिए स्वामित्व योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत अभी तक तकरीबन 6309 गांव को कवर किया गया है, इनमें से लगभग 300 गांव लाल डोरा से मुक्त हो चुके हैं।
अभी तक हरियाणा के 300 गांव को लाल डोरा से बिल्कुल मुक्त करवा दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि लाल डोरा की व्यवस्था हमें पंजीकरण की सुविधा नहीं होती थी। जिसके कारण नागरिकों को काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अब हरियाणा में संपत्ति कार्ड बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है।जिसके कारण संपत्ति के मालिक को ही मालिकाना हक दिया जाएगा।
हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना के तहत केवल भू-मालिकों को ही उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। इसके फलस्वरूप आपसी झगड़ों से भी मुक्ति मिलेगी। राज्य के जिलों के अनुसार बात करें तो अभी तक करनाल संपत्ति कार्ड वितरित करने में अन्य राज्यों से आगे हैं।
प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यहां अभी तक 46 हजार से ज्यादा संपत्ति कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। इसके बाद दूसरा नंबर कुरुक्षेत्र कहां है, यहां पर 36 हजार 276 संपत्ति कार्ड वितरित किए जा चुके है, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की बात करें तो यहां संपत्ति कार्ड बनने का काम अभी धीमा चल रहा है। वही सभी राज्यों में गुरुग्राम सबसे पीछे है, यहां पर 1745 कार्ड ही वितरित किए गए हैं। वहीं फरीदाबाद में 3400 कार्ड वितरित किए गए हैं।