नया साल जिस तरह नई खुशियों की सौगात लाता है, मगर कई बार नए परिवर्तन लोगों की निराशा का कारण भी बन जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ जब नववर्ष के अवसर पर हरियाणा सरकार ने महंगाई नामक तोहफा प्रदेशवासियों को दिया। दरअसल, हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में जमीन के कलेक्टर रेट में 5 से लेकर 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। इसके अलावा कुछ जिलों में तो कलेक्टर रेट की दरों में 20 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा दर्ज हुआ है। इससे हटकर राज्य में जमीन के नए कलेक्टर रेट लागू होने पर अब जमीन की रजिस्ट्री कराना महंगा हो जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, सभी जिला उपायुक्तो ने अपने-अपने जिलों में नए कलेक्टर रेट तय कर दिए हैं, जो सोमवार से लागू हो गए हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने नए सिरे से कलेक्टर रेट तय किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि इससे राजस्व में इजाफा होगा।
इस बार सरकार ने राजस्व विभाग के जरिए 7200 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, वही वैसे तो अभी तक साल में दो बार जमीन का कलेक्टर रेट तय होता था लेकिन अब साल में एक ही बार रेट तय करने की योजना बनाई गई है।
गौरतलब, प्रदेश के 17 जिलों में नए रेट पर रजिस्ट्रियां शुरू हो गई है जबकि अन्य पांच जिलों में कलेक्टर रेट को लेकर प्रकिया चल रही है जो इस सप्ताह में पूरी होने की संभावना है. कलेक्टर रेट के हिसाब से ही स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना होता है।
इन जिलों में फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, जींद, सोनीपत, पानीपत, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला डीसी द्वारा बढ़ाए गए कलेक्टर रेट को सरकार ने मंजूरी दे दी है जबकि झज्जर, रोहतक, गुरुग्राम, यमुनानगर और पंचकूला में कलेक्टर रेट अभी तय नहीं हुएं हैं। इसके बाद इन जिला उपायुक्तो द्वारा स्थानीय स्तर पर इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।