चिकित्सा जगत में एक बार नए आयाम रचते हुए एशियन अस्पताल ने क्षेत्र का पहला हार्ट ट्रासप्लांट किया। कानपुर की रहने वाली 31 वर्षीय चांदनी मिश्रा पिछले 4 साल से सांस फूलने के कारण परेशान थी। डॉक्टरी जांच करने पर पता चला की उन्हें हार्ट फेलियर हुआ है जिसका एक मात्रा उपचार केवल हार्ट ट्रांसप्लाट है। एशियन अस्पताल के हृदय सर्जन डॉ. अमित चौधरी ने बताया कि चांदनी मिश्रा अपने पति के साथ हमारे पास 3 महीने से उपचार ले रही थी।
उनका दिल केवल 14% काम कर रहा था जिसका एक मात्रा उपचार हार्ट ट्रांसप्लाट ही था। लेकिन हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए मैचिंग ब्रेन डेड डोनर नहीं मिलने के कारण वह 4 वर्षों से दिल का इंतजार कर रही थी।
डॉ. अमित ने बताया कि 6 जनवरी को सुबह नोटों कि तरफ से हमारे पास फोन आया कि वडोदरा गुजरात में एक महिला कि ब्रेन डेड मृत्यु हुई है। जिसका ब्लड ग्रुप चांदनी के ब्लड ग्रुप से मैच करता है। इसके बाद तुरंत ही मरीज को उसके पति के साथ ट्रांसप्लांट के लिए अस्पताल बुलवाया।
डॉ. अमित सुबह ही एक चार्टर प्लेन से वडोदरा (गुजरात) के अस्पताल हार्ट लेने गए और शाम 7 बजे दिल्ली एयरपोर्ट वापिस आए। दिल्ली गुरुग्राम और फरीदाबाद के बीच ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया ताकि बिना किसी रुकावट और डेरे के तुरत हार्ट को फरीदाबाद एशियन अस्पताल पहुंचाया जा सके। केवल 30 मिनट में दिल्ली एयरपोर्ट से फरीदाबाद एशियन अस्पताल की 40 किलोमीटर कि दूरी पूरी की गई।
डॉ. अमित ने बताया की यह बहुत ही जटिल सर्जरी थी जिसमें हमारी पूरी टीम जिसमें हमारे एनेस्थीसिया के डॉ. गगनपाल, डॉ. बुवना, डॉ. अनुभव कपूर और हमारी हार्ट कोर्डिनेटर अर्चना ठाकुर का महतवपूर्ण योगदान था।
यह बहुत ही जटिल सर्जरी थी। क्योंकि ब्रेन डेड मरीज के शरीर से हार्ट निकलने के बाद दूसरे मरीज के शरीर में लगाने के लिए हमें केवल 6 घंटे का समय मिलता है। यह ट्रांसप्लांट 3 घंटे में पूरा किया गया।
एशियन अस्पताल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. एन के पांडेय ने बताया की में अपने डॉक्टरों की टीम और मरीज के परिवार जान को बहुत बधाई देता हूं कि उन्होंने हार्ट ट्रांसप्लांट कर मरीज कि जान बचाई फरीदाबाद क्षेत्र का पहला
अस्पताल है जिसने हार्ट ट्रांसप्लांट कर इतिहास रच दिया है। दिल्ली गुरुग्राम और फरीदाबाद पुलिस का हमारी सहायता करने के लिए हार्दिक धन्यवाद करता हूं।