HomeFaridabadहरियाणा क्यों कर रहा है NCR का दायरा कम करने की मांग?...

हरियाणा क्यों कर रहा है NCR का दायरा कम करने की मांग? जानिए इसके छः प्रमुख कारण

Published on

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और सुप्रीम कोर्ट के आदेश तथा केंद्र सरकार की नई स्क्रैप पालिसी हरियाणा सरकार के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रहे हैं। हरियाणा के 13 जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने की वजह से इन आदेशों का सबसे अधिक असर प्रदेश के लोगों पर पड़ रहा है। हरियाणा सरकार चाहती है कि दिल्ली में राजघाट को केंद्र बिंदु मानकर उसके 100 किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्रों को ही एनसीआर प्लानिंग बोर्ड का हिस्सा माना जाए।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एनसीआर के क्षेत्र में आने वाले कम से कम जिलों का अधिक से अधिक विकास होगा तथा अधिक दूरी वाले जिले एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार की तमाम ऐसी पाबंदियों से बच जाएंगे, जो उनके लिए जरूरी नहीं हैं।

हरियाणा क्यों कर रहा है NCR का दायरा कम करने की मांग? जानिए इसके छः प्रमुख कारण

इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपनी बात केंद्र सरकार खासकर एनसीआर प्लानिंग बोर्ड तक पहुंचा चुके हैं। अब हरियाणा विधानसभा की प्रीविलेज कमेटी के चेयरमैन एवं गुरुग्राम के भाजपा विधायक सुधीर सिंगला ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के सचिव को एक पत्र लिखकर ऐसे तमाम जिलों को एनसीआर रीजन से बाहर करने की मांग की है, जो दिल्ली से 100 किलोमीटर की दूरी पर हैं। हालांकि सरकार के कुछ लोग एनसीआर रीजन को 50 किलोमीटर तक ही सीमित करने के हक में हैं, लेकिन इसे 100 किलोमीटर तक भी स्वीकार कर लिया जाए तो लाखों लोगों की परेशानी कम हो सकती है।

हरियाणा क्यों कर रहा है NCR का दायरा कम करने की मांग? जानिए इसके छः प्रमुख कारण

हरियाणा के 13 जिले फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, पलवल, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, नूंह, रेवाड़ी, भिवानी, नारनौल-महेंद्रगढ़, करनाल और जींद एनसीआर रीजन में शामिल हैं। पूरे प्रदेश का 63 प्रतिशत हिस्सा एनसीआर रीजन में शामिल हो चुका है, लेकिन इसका उन्हें फायद कम और नुकसान अधिक पहुंच रहा है।

एनसीआर की कुल सीमा 55 हजार किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है। इसे कम कर 35 हजार किलोमीटर पर लाने के सुझाव कई बार दिए जा चुके हैं। हालांकि केंद्र सरकार और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड इससे सहमत भी है, लेकिन पांच राज्यों के चुनाव में उलझी केंद्र सरकार फिलहाल इस तरफ अधिक गंभीरता से गौर नहीं कर पा रही है।

हरियाणा क्यों कर रहा है NCR का दायरा कम करने की मांग? जानिए इसके छः प्रमुख कारण

ये जिले NCR से होंगे बाहर

विधानसभा की प्रीविलेज कमेटी के चेयरमैन सुधीर सिंगला ने सुझाव दिया है कि गुरुग्राम, नोएडा, बहादुरगढ़, सोनीपत और फरीदाबाद तक को एनसीआर में शामिल करना उचित है, लेकिन बाकी जिलों को एनसीआर का हिस्सा बनाने का कोई फायदा नहीं है। करनाल, चरखी दादरी, जींद, महेंद्रगढ़, पानीपत और भिवानी समेत कई इलाके ऐसे हैं, जिन्हें एनसीआर रीजन में शामिल करने का कोई औचित्य नहीं है।

हरियाणा क्यों कर रहा है NCR का दायरा कम करने की मांग? जानिए इसके छः प्रमुख कारण

आधे से ज्यादा हरियाणा होता है प्रभावित

उत्तर प्रदेश के दो जिलों मुजफ्फरनगर की जानसठ और बुलंदशहर की शिकारपुर तहसील भी एनसीआर के दायरे से बहुत बाहर है। राजस्थान का अलवर जिला एनसीआर के करीब है। सुप्रीम कोर्ट अथवा एनजीटी जब भी किसी तरह का प्रतिबंध लगाते हैं तो आधे से ज्यादा हरियाणा उसकी चपेट में आ जाता है, जबकि उसे फायदा कुछ नहीं होता।

ये हैं वो छः बड़े कारण जिसके वजह से हरियाणा कर रहा है यह मांग

हरियाणा क्यों कर रहा है NCR का दायरा कम करने की मांग? जानिए इसके छः प्रमुख कारण
  • 10 साल पुराने पेट्रोल और 15 साल पुराने डीजल वाहन बाहर करने का सबसे अधिक असर हरियाणा पर पडे़गा।
  • प्रदूषण की स्थिति में ईट भट्ठे भी सबसे अधिक यहीं बंद होते हैं।
  • जब भी वायु प्रदूषण फैलता है, तभी सारा दोष हरियाणा पर आ जाता है।
हरियाणा क्यों कर रहा है NCR का दायरा कम करने की मांग? जानिए इसके छः प्रमुख कारण
  • खनन, स्टोन क्रेशर बंद होने तथा निर्माण कार्य बंद होने से विकास की गति में बाधा उत्पन्न होती है।
  • हर साल पेट्रोल व डीजल के लाखों वाहनों को चलन से बाहर करना पड़ेगा।
  • एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से उसके दायरे वाले जिलों के विकास के लिए जब धनराशि जारी की जाती है तो अधिक दूरी वाले जिलों को खास फायदा नहीं मिल पाता।

Latest articles

पंजाबी समाज को मिले राजनीति में उसका वाजिब हक़ : भारत अशोक अरोड़ा

पंजाबी समाज के राजनीति में योगदान और उचित महत्व ना दिये जाने से नाराज़...

“नशा मुक्त भारत पखवाडा” के अन्तर्गत फरीदाबाद पुलिस कर रही सराहनीय कार्य, नशा तस्करों की धरपकड़ के साथ-साथ चलाए जा रहे जागरूकता अभियान

पुलिस महानिदेशक हरियाणा के आदेश, पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के मार्गदर्शन में फरीदाबाद...

नशा मुक्त भारत पखवाडा के अन्तर्गत अपराध शाखा बॉर्डर की टीम ने 532 ग्राम गांजा सहित आरोपी को किया गिरफ्तार

पुलिस महानिदेशक हरियाणा के निर्देशानुसार पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के मार्गदर्शन में...

नशा मुक्त भारत पखवाडा के अंतर्गत नशे पर प्रहार करते हुए 520 ग्राम गांजा सहित आरोपी को अपराध शाखा DLF की टीम ने किया...

पुलिस महानिदेशक हरियाणा के निर्देशानुसार पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के मार्ग दर्शन में...

More like this

पंजाबी समाज को मिले राजनीति में उसका वाजिब हक़ : भारत अशोक अरोड़ा

पंजाबी समाज के राजनीति में योगदान और उचित महत्व ना दिये जाने से नाराज़...

“नशा मुक्त भारत पखवाडा” के अन्तर्गत फरीदाबाद पुलिस कर रही सराहनीय कार्य, नशा तस्करों की धरपकड़ के साथ-साथ चलाए जा रहे जागरूकता अभियान

पुलिस महानिदेशक हरियाणा के आदेश, पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के मार्गदर्शन में फरीदाबाद...

नशा मुक्त भारत पखवाडा के अन्तर्गत अपराध शाखा बॉर्डर की टीम ने 532 ग्राम गांजा सहित आरोपी को किया गिरफ्तार

पुलिस महानिदेशक हरियाणा के निर्देशानुसार पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के मार्गदर्शन में...