सुप्रीम कोर्ट के कम से कम 25 वकीलों को खालिस्तानियों ने धमकी देकर पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले की जाँच और सुनवाई से दूर रहने को कहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वकीलों को यूनाइटेड किंगडम से एक गुमनाम कॉल प्राप्त हुई है, जिसमें खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने वकीलों को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के खिलाफ चेतावनी दी गई थी।
यह संगठन इस दावे को भी कर रहीं है कि 5 जनवरी 2022 को उन्होंने ही हुसैनवाला फ्लाईओवर पर पीएम मोदी के काफिले को 20 मिनट के लिए रोका था। SFJ की ओर से करीब 50 वकीलों को फोन किया गया है और उन्हें धमकाया हैं कि वह इस मामले से दूर रहे। दूसरी तरफ, पंजाब सरकार कह रही है कि पीएम मोदी की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।
संगठन जो दावा कर रही है उससे पंजाब की कांग्रेस सरकार पर भी सवाल उठाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील राहुल कौशिक ने बताया कि उन्हें भी फोन पर धमकी दी गई है। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव के सामने भी अपनी बात रखी है। आपको बता दें कि 2007 में बने SFJ को भारत सरकार ने बैन कर दिया है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े इस संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब के सिखों को भड़काने के लिए आए दिन वीडियो जारी करते रहते हैं। आपको बता दे, इस आतंकी संगठन का मकसद भारत को नुकसान पहुंचाना है।
कर्नल आरएसएन सिंह का कहना है कि इस स्थिति को छोटा नहीं समझना चाहिए, खालिस्तान अभियान का यह पूरा नेटवर्क और गंभीर हो गया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि इन वकीलों की शिकायत पर मामला दर्ज किया जा सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार महेश जेठमलानी ने कहा है कि, ‘सभी नहीं तो बड़ी संख्या में वकीलों को धमकी भरे फोन आए हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड में शामिल हैं। संघ को इस पर ध्यान देना चाहिए। यूनाइटेड किंगडम के टेलीफोन नंबर से कॉल करना।
इसमें कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए। फोन पर कहा जा रहा है कि 1984 के सिख नरसंहार के पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिला है, इसलिए यह मामला अदालत में नहीं जाना चाहिए।