इस प्रकृति का नियम है जो इस दुनिया में आया है जो इस दुनिया में आया है उसे एक न एक दिन वापस जाना ही है। यहां पर कोई भी कोई भी अमर नही आया है। बस फर्क इतना है कोई जल्दी चला जाता है, और कोई देर से जाता है। जिसको जाना होता है वो तो चला जाता है, लेकिन वह अपने पीछे रोता बिलकता परिवार और अपनी बीती यादें छोड़ जाता है। जब कोई किसी अपने को खोता है, तो वह पूरी तरह टूट जाता है, और उसके लिए संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है।
जैसा कि आपको पता ही है उस इंसान की कमी सभी को जिंदगी भर खलती है। ना तो उस परिवार को कुछ खाना अच्छा लगता है और न ही कुछ पीना। इस संसार का यह नियम है, सुख दुख जीवन के दो पहलू है। और इंसान को दोनो पहलुओं में रहना पड़ता है।
इसी बीच एक बहुत ही दुखद खबर सामने आई है। आपको बता दे फिल्म निर्माता और साउथ के सुपरस्टार महेश बाबू के बड़े भाई रमेश बाबू गरु का निधन हो गया है। उनका स्वास्थ काफी समय से ठीक नही था। रमेश बाबू सुपरस्टार कृष्णा के बड़े बेटे थे। उनके निधन के बाद इंडस्ट्री के लोग सदमे में हैं। पीन कल्याण समेत कई हस्तियों ने रमेश बाबू के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
रमेश बाबू ने ऐसे समय पर शरीर छोड़ा जब महेश बाबू महामारी की ग्रस्त में हैं। महज एक दिन पहले 7 जनवरी को महेश बाबू ने खुद ट्वीट कर महामारी पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी।
आपको बता दे, रमेश बाबू गरु के निधन की खबर पुष्टि निर्देशक रमेश वर्मा ने भी की है। रमेश वर्मा ने ट्वीट किया, “यहां पर स्तब्ध हूं, रमेश बाबू गरु अब नहीं रहे। कृष्णा गरु, महेश बाबू गरु और पूरे परिवार के प्रति संवेदना। ओम शांति”
इस पर फिल्म प्रोड्यूसर बीए राजू ने ट्वीट किया, ‘यह बहुत दुख के साथ है कि हम अपने प्यारे रमेश बाबू गरु के निधन की घोषणा करते हैं। वह हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। हम अपने सभी शुभचिंतकों से अनुरोध करते हैं कि वे महामारी के मानदंडों का पालन करें और श्मशान स्थल पर इकट्ठा होने से बचें।’
रमेश बाबू अपने भाई की तरह इंडस्ट्री का जाना माना नाम थे। उन्होंने 1974 में ‘अल्लूरी सीतारामाराजू’ से साउथ फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की थी। इस फिल्म के बाद रमेश बाबू ने कई तमिल फिल्मों में काम किया। इसमें ना इले ना स्वर्गम, अन्ना चेलेलु, चिन्नी कृष्णुडु जैसी हिट्स शामिल हैं। रमेश बाबू कई फिल्मों में छोटे भाई महेश बाबू के साथ भी स्क्रीन को शेयर कर चुके हैं।