महिलाएं आज के समय में किसी भी चीज में पीछे नहीं है। वह हर जगह अपना हुनर दिखा कर देश और अपने परिवार का नाम रोशन कर रही है। उनके सामने चाहे जैसी भी परिस्थिति आ जाए, वह हर परिस्थिति से बाहर आती हैं। और उसे पूरे संयम से संभालती है। चाहे बात घर संभालने की हो या देश संभालने की, महिलाएं किसी भी चीज में पीछे नहीं हटती। वह बहुत अच्छे से अपना कर्तव्य निभाती हैं। ऐसी ही एक सफल महिला की कहानी आज हम आपको बताने वाले हैं।
जिस महिला के हम बात कर रहे हैं, उसका नाम अंबिका है। उसने महज 14 साल की उम्र में एक पुलिस वाले के साथ शादी की थी। 18 साल की उम्र में वह दो बच्चों की मां बन गई थी। 1 दिन वह अपने पति के साथ गणतंत्र दिवस की पुलिस परेड देखने गई थी।
वहां उसने पुलिस ऑफिसर को मिलने वाला सम्मान देखा और फिर सोचा कि मैं किस तरह का सम्मान पा रही हूं। जब अंबिका ने यह बात अपने पति को बताई, तो उसके पति ने बताया कि यह सम्मान पाना बहुत मुश्किल है।
इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। यह सब जानने के बाद उसने अपना अपने मन में ठाना और सिविल सर्विसेस की एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने का फैसला किया।
उसके लिए वह कड़ी मेहनत करने लगे और उसके बाद उन्होंने सबसे पहले दसवीं की परीक्षा पास की और उसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन करी। वह एक बहुत ही छोटे से कस्बे में रहती थी।
जहां पढ़ाई लिखाई की पूरी सुविधा नहीं थी।तब उन्होंने अपने पति को कहा कि मुझे कहीं और रहना है तो उसके पति ने उनका चेन्नई में रहने और पढ़ाई करने का इंतजाम किया।
अब वह खुद नौकरी के साथ बच्चों की देखभाल करने लगे। चेन्नई में रहते हुए अंबिका ने खूब मेहनत की लेकिन वे दो बार इस एग्जाम को क्लियर नहीं कर सकीं जब तीसरी बार भी वे पास नहीं हुई तो उनके पति ने उन्हें लौट आने को कहा।
लेकिन उसके बाद अंबिका ने एक आखरी बार कोशिश करने की जिद की। उनकी ये कोशिश सफल रही और उनका नाम 2008 की आईपीएस लिस्ट में शामिल हुआ। उनकी पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र में हुई।
फिर उसके बाद 2019 में उन्हें डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस का पद मिला और वह ‘लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवार्ड’ के लिए चुनी गई। जांबाज यह महिला लेडी सिंघम के नाम से अपनी खास पहचान रखती है।