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हरियाणा के इस फौजी परिवार ने कायम की मिसाल, एक साथ रहते है 38 सदस्य

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सेना को समर्पित एक परिवार अपनी एक जुटता के लिए जिले में अपनी पहचान कायम कर चुका है। गांव असावटा में 38 सदस्यों के इस परिवार में छह लोग सेना में नौकरी कर देश सेवा कर रहे हैं। परिवार में दादा से लेकर पोत्र तक कुल नौ सदस्य सेना से जुड़े हैं। एक चूल्हे पर संयुक्त रूप से खाना बनाना और साथ बैठकर खाना इस परिवार की अलग पहचान बनाता है। टूटते परिवारों के लिए यह परिवार एक मिसाल साबित हो रहा है। परिवार की मुखिया 85 वर्षीय दादी बतासो पूरे परिवार को एकता के सूत्र में बांधे हुए हैं।

गांव असावटा निवासी रामपाल हवलदार ने सेना से सेवानिवृति के बाद संयुक्त परिवार की नींव रखी। बीते साल उनकी मौत के बाद परिवार की मुखिया दादी बतासो के तीन बेटे श्यामवीर, रामवीर व ओमवीर संयुक्त परिवार की डोर संभाले हुए हैं। इनमें दो बेटे श्यामवीर व रामवीर सेना से सेवानिवृत हैं। तीनों के सात बेटे व सात बहुएं हैं। बेटी की शादी हो चुकी है।

हरियाणा के इस फौजी परिवार ने कायम की मिसाल, एक साथ रहते है 38 सदस्य

सात बेटों में से छह बेटे धनवीर, मनवीर, दलवीर, नरवीर, सुदयवीर व चमनवीर सैनिक है। सातवां बेटा विजयवीर कृषि कार्य को संभाले हुए हैं। इन सातों के 17 बच्चे हैं। चार पीढियों के इस परिवार में सबसे छोटे सदस्य की उम्र दो वर्ष है, जबकि सबसे बड़ी सदस्या दादी की उम्र 85 वर्ष हो गई है।

हरियाणा के इस फौजी परिवार ने कायम की मिसाल, एक साथ रहते है 38 सदस्य

घर के बड़े बेटे फौजी श्यामवीर ने बताया कि घर की सातों बहुएं मिल-झुल कर कार्य करती हैं। सुबह दो बहुएं पशुओं को चारा डालने से लेकर दूध निकालने का काम करती है। बाकी बहुएं सुबह साफ-सफाई लेकर नाश्ता तैयार करती हैं। सभी बच्चों को स्कूल भेजने के बाद घर के दैनिक कार्य शुरू हो जाते हैं। श्यामवीर बताते हैं कि संयुक्त परिवार भारत की संस्कृति का प्रतीक है, परंतु एक परिवार का प्रचलन बढता जा रहा है।

हरियाणा के इस फौजी परिवार ने कायम की मिसाल, एक साथ रहते है 38 सदस्य

एकल परिवारों में अब दादा-दादी, ताऊ-ताई, चाचा-चाची, भाई-बहन व देवर-भाभी जैसे प्यार भरे रिश्तों महत्व खत्म होता जा रहा है। शुरुआत में बहुओं को संयुक्त परिवार में ढलने में कुछ समय लगता है, परंतु बाद में एक सुखद एहसास की अनुभूति होती है। घर की मुखिया बतासो देवी बताती हैं कि कई बार अपने परपौत्रों के नाम भी भूल जाती हैं, लेकिन जब वे आकर गोद में बैठते हैं, तब संयुक्त परिवार की महत्वता का पता चलता है।

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फौजी श्यामवीर ने बताया कि जिले में संयुक्त परिवार के रूप में उनके परिवार ने विशेष पहचान बनाई है। यह उनके पिता स्व.रामपाल हवलदार की देन है। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद हरियाणा द्वारा परिवार की मुखिया बतासो देवी को संयुक्त परिवार व देश सेवा में योगदान देने के लिए सम्मनित भी किया जा चुका है।

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