जैसा की आप सभी को पता ही है कि, महामारी की तीसरी लहर ओमिक्रॉन के रूप में बहुत तेजी से फैलती जा रही है। इसका दिन-ब-दिन प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इसको रोकने के लिए कई राज्यों में लॉकडाउन भी लगा दिया गया है, लेकिन यह फिर भी नहीं रुक पा रही है। अब ऐसे में यह सवाल उठाया जाना क्या भारत में सचमुच लॉकडॉउन की जरूरत है। आपको बता दे, भारत के 7 राज्यों में महामारी बहुत बुरी तरीके से फैल चुकी है। अब इस हालात में लॉकडाउन की बात चल रही है।
लॉकडाउन का नाम आते ही देश की जनता सोच में पड़ जाती है क्योंकि दूसरी लहर में जब लॉकडाउन लगा था तो कारागार को बहुत नुकसान हुआ था। तो आइए जानते हैं क्या भारत में लॉकडाउन की स्थिति है, इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को क्या सुझाव दिए।
संगठन का कहना है कि भारत में महामारी की तीसरी लहर के बावजूद भी पूर्ण लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा भारत जैसा देश में महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन और यात्रा पर रोक लगाने जैसे कदम अब नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसका एक नया फार्मूला है की इससे लड़ने के लिए रिस्क के हिसाब से बैन लगाने के लिए रणनीति बनाई जाए।
इसके अलावा संगठन ने दूसरी लहर से सबक लेते हुए कहा कि लोगों को जान और रोजगार दोनों ही बचाना है, तो पब्लिक हेल्थ एक्शन तय करने के लिए 4 सवालों के जवाब जानने चाहिए। उन्होंने आगे कहा यह देखना जरूरी है कि यह वैरीअंट कितना सनक्रमांक है। उससे कितनी गंभीर बीमारी होती है। इसके अलावा वैक्सीनेशन जरूरी है। इसके अलावा हम इसकी रोकने की शक्ति को कितना फॉलो कर रहे हैं।
संगठन ने आगे कहा कि यात्रा पर पूरी तरह प्रबंध लगाना जरूरी नहीं है। ऐसे प्रबंध उनके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इससे भारत की अर्थव्यवस्था पर भी फर्क पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में महामारी से लड़ने लड़ने के लिए रिस्क बेस्ड अप्रोच को फॉलो करना समझदारी है।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान के हालातों को देखते हुए हेल्थ सेक्टर की क्षमता और सामाजिक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए सरकार को महामारी रोकने के उपाय तैयार करनी चाहिए। अगर सभी नियमों का पालन करेंगे तो लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
संगठन ने कहा भारत में महामारी से बचने के लिए मास्क और वैक्सीनेशन अति आवश्यक है। वैक्सीनेशन कवरेज बढ़ाने और मास्क का इस्तेमाल करने। इसके अलावा हाथों को बार-बार धोने और शारीरिक दूरी बनाए रखने से संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सकता है। इसका पालन करने से लॉकडाउन लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अभी वर्तमान स्थिति में अगर हम देखें तो ओमिक्रॉन में 7 राज्यों में संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। जिसको देखते हुए लग रहा है कि देश में लॉकडाउन लगेगा। भारत के 7 राज्यों की R वैल्यू 3 से ऊपर है, यानी महामारी विस्फोट होना तय है।
गाजियाबाद स्थिति यशोदा अस्पताल के एमडी डा. पीएन अरोड़ा का कहना है कि इस वक्त देश में स्वास्थ्य का आधारभूत ढांचा मजबूत हुआ है। महामारी की पहली लहर और दूसरी लहर के बाद देश में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत हुई है। आज देश में करीब 18.03 लाख आइसोलेशन बेड का इंतजाम है।
इसके अलावा 1.24 लाख आइसीयू बेड के इंतजाम है। देश में 3.236 आक्सीजन के प्लांट है। इनकी क्षमता 3,783 मीट्रिक टन है। 1,14 लाख आक्सीजन कंसंट्रेटर केंद्र ने राज्य सरकार को मुहैया कराए हैं।
देश में 150 करोड़ वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। इसमें 64 फीसद आबादी को एक डोज मिल चुकी है और 46 फीसद आबादी को वैक्सीन की दो डोज लग चुकी है। ऐसे में यह उम्मीद कम ही है देश में कठोर लाकडाउन की स्थिति नहीं बनेगी।
फिलहाल कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो स्थिति काबू में हैं। लाकडाउन से बचने के लिए हमें सरकार की गाइड लाइन और सुझावों पर कठोरता से अमल करना होगा। महामारी प्रोटोकाल को कड़ाई से पालन करना होगा।