जैसा कि आप सभी को पता ही है कि बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है। जिसे मिटाने के लिए सरकार ने इस पर रोक भी लगाई है। और बार-बार जागरुकता अभियान भी चलाती रहती हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग यह काम करने से बिल्कुल बाज नहीं आते। ऐसा लगता है कि उन्हें अपनी लड़कियां भोज लगती हैं। वह उनकी उम्र से पहले ही उनकी करवा देते है। जिससे उनका पूरा भविष्य खराब हो जाता है। आज हम भी आपको एक ऐसा ही मामला सुनाने वाले हैं, जहां पर एक गांव में बाल विवाह हो रहा था, उसी के बीच कुछ पुलिस के अधिकारी वह पहुंच गए और शादी को रुकवा दिया। आईए जानते है क्या है पूरी खबर।
बाल विवाह का यह ताजा मामला हिसार जिले के गांव नियाणा से सामने आया है
जहां पर है घर में शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थी और दोनों बहने दुल्हन के जोड़े में सजी हुई बैठी थी। सभी लोग बारात का इंतजार कर रहे थे। लेकिन बारात आने से पहले वहां पर इस बाल विवाह को रोकने के लिए अधिकारी बबीता चौधरी अपनी पुलिस टीम के साथ पहुंच गई।
पुलिस अधिकारी ने वहां पहुंचकर बाल विवाह को रुकवा दिया और उम्र से संबंधित दस्तावेज मांगे तो दोनों बहने नाबालिक निकली। इसके बाद लड़के वालों को सूचित किया गया कि वह बारात लेकर ना आए। बाल विवाह निषेध अधिकारी ने सहायक सचिव ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि गांव नियाणा में दो लड़कियों की शादी हो रही है जो निबालिक है।
जैसे ही सूचना मिली बाल विवाह निषेध अधिकारी बबीता चौधरी अपनी टीम के साथ तुरंत गांव में पहुंची। जब अधिकारी ने लड़की के परिजनों से आयु प्रमाण पत्र मांगा तो उन्होंने देखा कि एक लड़की 16 साल की और दूसरी 17 साल 9 महीने की है।
टीम ने लड़की के माता-पिता से बालिक होने पर ही शादी करेंगे संबंधी शपथ पत्र लिखवाया। बबीता चौधरी ने बताया कि बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे है।