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माता पिता के साथ के बिना आईएएस बनी मोनिका राणा बनी एक अभिप्रेरणा

जिस तरह कामयाब होने के लिए अपने पैरों पर खड़े होने के लिए एक नया मुकाम हासिल करने के लिए किसी ना किसी की सहायता जिंदगी में जरूर पड़ती है। चाहे वह मां-बाप के रूप में हूं या फिर हमसफर के रूप में हो। जिस तरह अपने बच्चे को कामयाब बनता देखना माता-पिता का एक सपना होता है, और यही कारण है कि माता-पिता अपने बच्चे को पूरा सपोर्ट करें ताकि वह एक नया मुकाम हासिल कर सके और अपनी जिंदगी में कुछ बन सके।

मगर आज भी कुछ ऐसे बच्चे हैं जिनके सर से माता पिता का साया उठ जाता है, तो वह बच्चे अपनी जिंदगी से निराश हो जाते हैं हताश हो जाते हैं। मगर ऐसे ही बच्चों के लिए अभिप्रेरणा साबित हो रही है आईएएस मोनिका राणा। जिनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने जीवन में डटकर खड़ी रही और आज परिणाम आप सभी के सामने हैं।

दरअसल, आज हम आपको एक ऐसी अनाथ लड़की के बारे में बतायेंगे जिस पर माता-पिता का साथ नहीं था, लेकिन फिर भी कठिन परिश्रम और लगन की बदौलत आज वो आईएएस ऑफिसर बन गयी है।

मोनिका ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनकी सफलता के दौरान लोग उन्हें बधाई देने पहुंच रहे थे, लेकिन जिन लोगों के सपनों को मोनिका ने साकार करने के लिए पूरी मेहनत से पढ़ाई की वही इस दुनिया में नहीं थे। मोनिका आईएएस अधिकारी तो बन चुकी थी लेकिन बधाई देने के लिए उनकी नजरें मां-बाप को ढूंढ़ती रहती हैं और वो आंसू बहाकर अपना दुख जाहिर करती है। वो आगे निराश मन से बताती हैं कि छोटी-छोटी खुशियों को बांटने के लिए भी हम अपने परिवार और अपनों का साथ चाहते है, लेकन आईएएस बनने के बाद भी मेरी खुशियों में कोई शामिल नहीं हो पाया।

आईएएस ऑफिसर मोनिका, जिनके माता पिता की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी। परिजनों के ना होने के बावजूद भी उनके अथक प्रयास से उन्हें सफलता हासिल हुई।
यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा पास करने वाली मोनिका उत्तराखंड की रहने वाली हैं। उनका गांव देहरादून जिले के नाडा लाखामंडल में हैं। मोनिका बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थीं। बचपन में उनके माता-पिता का सपना था कि बेटी एक दिन प्रशासनिक अधिकारी बनकर माता पिता का नाम रोशन करेगी. मोनिका ने 5वीं की पढ़ाई दून के स्कॉलर्स होम से की।

लेकिन एक दिन उसके जीवन में ऐसा कुछ हुआ जिससे उसके जीवन में दुखो का पहाड़ टूट पड़ा। मोनिका के मां-बाप उसे कम उम्र में ही छोड़ दिया था। दरअसल, साल 2012 में मोनिका के पिता गोपाल सिंह राणा और मां इंदिरा राणा की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई जिसके बाद वह अकेली हो गयी । इसके बाद उनकी बहन दिव्या राणा ने उन्हें संभाला और आगे की पढ़ाई के लिए उनका साथ दिया।

मोनिका ने 6वीं से 12वीं तक की पढ़ाई सेंट जोसेफ स्कूल से की थी। उसके बाद मद्रास मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करने लगीं हैं। लेकिन माता पिता का सपना था की वो एक IAS अधिकारी बने इसलिए उन्होंने इस कठिन परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया। साल 2015 में मोनिका यूपीएससी की तैयारी करने लगीं और एग्जाम दिया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। साल 2016 में भी उन्हें इस परीक्षा में असफलता ही हासिल हुई। साल 2017 में उन्होंने दिल्ली के श्रीराम सेंटर से कोचिंग शुरू कर यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की। उनकी कड़ी मेहनत और लगन का नतीजा ये हुआ कि उन्होंने साल 2018 में 577वीं रैंक पाकर सफलता हासिल कर ली|

deepika gaur

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