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हरियाणा में बहेगी सरस्वती नदी, अढ़ाई साल बाद सपना होगा साकार, आदिबद्री बांध का होगा निर्माण

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हिमाचल और हरियाणा सरकार द्वारा सरस्वती नदी की पूर्ण उद्धार के लिए आदिबद्दी बांध का निर्माण करने हेतु शुक्रवार को पंचकुला में एक एमओयू साइन किया हैं। दरअसल, इसके लिए हरियाणा के यमुना नगर जिले के आदिबद्री क्षेत्र के समीप हिमाचल प्रदेश में 77 एकड़ में बांध निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए।

मिली जानकारी के मुताबिक इस परियोजना के माध्यम से 215.35 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सरस्वती नदी का पुनरुद्धार होगा. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों ने राज्य सरकारों की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

हरियाणा में बहेगी सरस्वती नदी, अढ़ाई साल बाद सपना होगा साकार, आदिबद्री बांध का होगा निर्माण

इस परियोजना से प्रदेश के केवल 21 परिवार विस्थापित होंगे, जिनका समुचित पुनर्वास किया जाएगा। वहीं विस्थापितों को पुनर्वास पैकेज और जलवायु संरक्षण पैकेज के साथ भविष्य में आदिबद्री बांध से संबंधित लागत-व्यय हिमाचल प्रदेश की प्रचलित नीतियों व अन्य प्रचलित कानूनों के अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

साथ ही कुल प्रस्तावित क्षेत्र में से 31.16 हेक्टेयर भूमि हिमाचल प्रदेश की है जिसमें से 0.67 हेक्टेयर निजी भूमि और 30.49 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सोंब नदी से बांध को 224 हेक्टेयर मीटर जल की आपूर्ति होगी जो यमुना नगर जिले में आदिबद्री के समीप यमुना में मिलती है। इसके अतिरिक्त आदिबद्री बांध और इससे संबंधित अधोसंरचना के लिए एचपीपीसीएल कार्यकारी संस्था होगी।

हरियाणा में बहेगी सरस्वती नदी, अढ़ाई साल बाद सपना होगा साकार, आदिबद्री बांध का होगा निर्माण

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि गंगा और यमुना के साथ सरस्वती देश की सबसे पवित्र नदी है। उन्होंने कहा कि इस बांध के बनने से सरस्वती नदी में पूरे साल बीस क्यूसेक जल का प्रवाह होगा। उन्होंने कहा कि घग्गर नदी बहने के रास्ते को सरस्वती नदी का मार्ग कहा जाता है। यह परियोजना हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों के संयुक्त प्रयासों से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी।

जय राम ठाकुर ने कहा कि यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी, क्योंकि इससे हिमाचल प्रदेश की 3.92 हेक्टेयर मीटर प्रतिवर्ष पेयजल की आवश्यकता की पूर्ति होगी और प्रभावित बस्तियों के लिए सिंचाई के पानी की उपलब्धता के लिए 57.96 हेक्टेयर मीटर पानी निर्धारित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बांध का उपयोग न केवल सरस्वती नदी के पुनरुद्धार के लिए किया जाएगा बल्कि इससे क्षेत्र में जल संरक्षण को भी सहायता मिलेगी.

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