तोरई से प्रकृति लूफा बनाकर आपको हो सकता है लाखो का मुनाफा, विदेशों में इस लूफे की क़ीमत होती है हजारों में

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 तोरई से प्रकृति लूफा बनाकर आपको हो सकता है लाखो का मुनाफा, विदेशों में इस लूफे की क़ीमत होती है हजारों में

आज के बदलते युग में हर काम में पैसा है, बस कोई मजदूरी कर वह पैसा कमाता है, तो कोई अपना बिजनेस कर के। आपको बता दें, आज कुछ बिजनेस न केवल आपको असीमित कमाई का अवसर प्रदान करता है बल्कि इसके कई बेहतरीन लाभ भी होते हैं। हम आज जिस बिजनेस की बात कर रहे है उनमें से एक बिजनेस तोरई के जरिए प्राकृतिक लूफा तैयार करके भी हो होता हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें, लूफा आज के आधुनिक दौर में नहाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक वस्तु है, जो शारीरिक गंदगी दूर करने में मददगार साबित होता हैं। तो चलिए जानते है इसका बिजनेस आखिर होता कैसे है, और इसके लाभ कितने हैं।

तोरई से प्रकृति लूफा बनाकर आपको हो सकता है लाखो का मुनाफा, विदेशों में इस लूफे की क़ीमत होती है हजारों में
तोरई से प्रकृति लूफा बनाकर आपको हो सकता है लाखो का मुनाफा, विदेशों में इस लूफे की क़ीमत होती है हजारों में

आपको बता दें, प्राकृतिक लूफा पेड़-पौधों और विभिन्न सब्जियों को सूखा कर तैयार किया जाता है, वहीं इसके पोषणयुक्त होने के वजह से इसे नहाने से लेकर बर्तन धोने वाले स्क्रब के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं।

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खबर के अनुसार, खीरा परिवार से ताल्लुक रखने वाले तोरई के जींस को Luffa कहा जाने वाला एशिया या अफ्रीका जैसे देश में शुरू की गया है, जिसे बाद में यूरोप से यह भारत पहुंचा, जहां से Loofah शब्द का इजात हुआ।

वहीं इसकी कीमत भारतीय बाज़ार में 7 से 10 रुपए के बीच होती है, वही इसका आप ऑनलाइन बिक्री भी कर सकते हैं। वहीं विदेशों में इसकी क़ीमत हजारों में होती है जो 21.68 डॉलर यानी तकरीबन 1, 613 रुपए होती है, इसी अलावा आप इसे घर पर आसानी से बनाकर व्यापार कर सकते हैं।

तोरई से प्रकृति लूफा बनाकर आपको हो सकता है लाखो का मुनाफा, विदेशों में इस लूफे की क़ीमत होती है हजारों में
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वहीं इसके निर्माण की बात करे तो यह आपके घर में काफी आराम से तैयार हो सकता है, जिसके लिए पहले आपको तोरई की बेल उगानी होगी, जिसे प्राप्त मात्रा में खाद और पानी के जरिए बढ़ा जा सकता हैं।

बाद में जब यह बेल बड़ी हो जाए, तो आप उसके छिलके और बीज को निकालकर और उसे सूखा कर बनाया जाता हैं। वहीं इससे इस्तेमाल होने वाली चीजों की बात करे तो यह गद्दों में भरे जाने वाला भूसा, सैनिकों के हेलमेट पैडिंग जैसी चीजें शामिल हैं।

इसके अलावा सूखी तोरई को औषधि, पेंटिग, ज्वैलरी, सजावट का सामान और पानी को फिल्टर करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता हैं।