जुर्माने से बचने हेतु कमर्शियल वाहन चालकों ने आरटीआई के इंस्पेक्टर की गाड़ी में लगा दी जीपीएस चीप

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 जुर्माने से बचने हेतु कमर्शियल वाहन चालकों ने आरटीआई के इंस्पेक्टर की गाड़ी में लगा दी जीपीएस चीप

कमर्शियल वाहन चालकों ने भारी जुर्माने से बचने के लिए ऐसा शातिर दिमाग लगाया कि जिसे देख हर कोई हैरान रह गया। दरअसल, कमर्शियल वाहन चालकों ने कई माह तक टीम की लोकेशन पता लगाने के लिए और इससे बचने के लिए आरटीआई के इंस्पेक्टर की गाड़ी में ही जीपीएस चिप लगा दी, जिससे वह उस स्थल से बच कर आराम से निकल जाते थे जहां जाने रक्षक टीम द्वारा चेकिंग की जाती थी।

इस दौरान जब हाल ही में गाड़ी की चेकिंग हुई तो पता चला कि इसमें चिप लगी हुई थी और इसके बाद रिपोर्ट के मुताबिक पता चला कि सरकार को इससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ है। चिप मिलने के तुरंत बाद ही विभाग के इंस्पेक्टर ने शिवाजी कॉलोनी पुलिस को इस बात की शिकायत कर दी जिसके बाद मामले की जांच की जा रही है।

जुर्माने से बचने हेतु कमर्शियल वाहन चालकों ने आरटीआई के इंस्पेक्टर की गाड़ी में लगा दी जीपीएस चीप

आरोपित इसके माध्यम से उनकी लोकेशन लेकर बच रहे थे। उनका कहना है कि उनके वाहन की लोकेशन पता लगने के बाद अब तक न जाने कितने अवैध वाहन, ओवर लोड वाहन चैकिंग से बचकर निकल गए होंगे। इससे सरकार को लाखों के राजस्व की हानि हुई है। शिवाजी कालोनी पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सिम कार्ड के आधार पर आरोपितों की तलाश की जा रही है।

जुर्माने से बचने हेतु कमर्शियल वाहन चालकों ने आरटीआई के इंस्पेक्टर की गाड़ी में लगा दी जीपीएस चीप

व्हाट्सएप ग्रुप भी सक्रिय इससे पहले भी किसी न किसी तरह साजिश रचकर आरटीए की टीम से बचने के मामले आते रहे हैं। कई वाहन चालकों के गिरोह ने व्हाटसऐप ग्रुप बनाया हुआ था। जिसमें कर्मचारियों से मिलीभगत करके टीम की लोेकेशन ले ली जाती थी। इसके बाद वाहन चालक उस रूट पर वाहन न ले जाकर दूसरे रास्तों से फरार हो जाते थे। इस मामले में भी शिकायत दी गई थी। जल्द गिरफ्तार होंगे आरोपित इंस्पेक्टर की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपितों की तलाश की जा रही है। उनको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

परिवहन विभाग के एमवीओ निरीक्षक लायक सिंह ने पुलिस को बताया कि उनकी ड्यूटी कमर्शियल वाहनों की जांच करने की है। इस काम के लिए उन्हें विभाग से सरकारी गाड़ी मिली हुई है। वह पिछले कुछ दिनों से देख रहे थे कि जहां भी वह चैकिंग के लिए गाड़ी लेकर जाते हैं। वहां वाहनों की आवाजाही बिल्कुल कम हो जाती है। इसके बाद उन्हें शक हुआ तो उन्होंने गाड़ी को एक सर्विस सेंटर पर ले जाकर चेक करवाया। इस दौरान उसकी छत पर लगी बत्ती में एक जीएसपी चिप लगी मिली।