कहा जाता है भारत की भूमि में बहुत धन दबा हुआ है। लेकिन कहां क्या गढ़ा और दबा हुआ है, यह कह पाना बहुत ही मुश्किल है। काफी बार देखा गया है कि, भारत की जमीन से बहुत ही अजीब और बेशकीमती चीजें निकलती रहती हैं। जिन्हें देखकर सभी लोग अचंभे में आ जाते हैं। कई बार तो इतना ज्यादा बड़ा खजाना निकल आता है कि लोगों की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं।
हमने कई कहानियां सुनी होंगी जिसमें किसी का खोया हुआ खजाना मिल जाता है। पुराने समय में बैंक किया लॉकर तो नहीं होते थे, तो लोग अपने खजाने को छुपाने के लिए उन्हें दबा देते थे। और उसके बाद भूल जाते थे। जो काफी समय के बाद निकलते हैं।
जब यह खजाना मिलता है, तो लोगों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। ऐसे ही एक शख्स के खेत में आसमान में बरसा हुआ खजाना पूरे 2000 साल तक दबा था। अभी हाल ही में उसकी खोज हुई है। सुनने में थोड़ा अजीब तो लगता है कि, यहां खेत में आसमान से सोने के सिक्के बरसे थे। इन गोल्ड कोइंस की संख्या 41 बताई जा रही है।
आपको बता दे, इस कीमती खजाने की खोज उत्तर पूर्वी जर्मनी के ब्रांडेनबर्ग में की गई है। वैज्ञानिकों ने एक किसान के खेत में इनको ढूंढा है। यह खोज बहुत ही महत्वपूर्ण बताई जा रही है। जर्मनी में फ्रीलांसर के तौर पर काम करने वाले शख्स ने खेत से सेल्टिक कोइंस खोज निकाले हैं।
अगर विदेशी मीडिया की माने तो यह सिक्के बहुत ही कीमती है। यह किसी खदान या टकसाल में नहीं बने हैं। यह सिक्के इंद्रधनुष के आखिरी छोर में बनते हैं। सेल्टिक गोल्ड कोइंस को रेनबो कप्स भी कहा जाता है। इनका मिलना बहुत ही मुश्किल होता है।
किसान के खेत में 41 सिक्के मिले हैं। जिसकी जानकारी खुद ब्रांडेनबर्ग के संस्कृति मंत्री मांडा शुले ने की है। उन्होंने बताया यह सिक्के लगभग 2000 साल पुराने हैं। इन सिक्कों को बहुत अलग तरीके से ढाला गया है।
जर्मन भाषा में इसे ‘Regenbogenschusselchen’ कहा जाता है। एक प्राचीन कहानी के अनुसार कहा जाता है यह सिक्के इंद्रधनुष के आखिरी छोर पर बनते हैं। पृथ्वी पर जिस जगह इंद्रधनुष का आखरी छोर पृथ्वी को छूता है, उस जगह यह सिक्के गिर जाते है।
उस किसान और खेत के मालिक से परमिशन लेकर जब तय स्थान पर खुदाई की गई, तो पहले 10 सिक्के निकले और धीरे-धीरे कुल 41 सिक्कों की खोज की गई। यह बहुत ही खास और दुर्लभ खोज है। इन सिक्कों की कीमत लगा पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है। क्योंकि यह बहुत ही ज्यादा कीमती सिक्के हैं।