फरीदाबाद गुड़गांव सहित पूरे हरियाणा में बसे हुए गांव की जमीन की तर्ज पर भूमि की मैपिंग का राजस्व रिकॉर्ड को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जाएगा जमाबंदी के लिए नया फॉर्मेट भी तैयार किया गया है जिसमें पहचान पत्र का कालम जोड़ा गया है वही अगस्त तक सभी कृषि भूमि की मैपिंग का लक्ष्य रखा गया है
हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भू राजस्व अधिकारियों की बैठक में भूमि की मैपिंग के कार्य को तेजी से करने के लिए कहा है ऐश्वर्या मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उनके साथ थे मुख्यमंत्री ने बताया कि अधिकतर गांव का ड्रोन बेस मैपिंग का कार्य हो चुका है विपिन कार्य 3 चरणों में पूरा किया जाएगा पहले ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमि की मैपिंग तथा इन पर बने हुए ढांचे मानचित्र में बनाने का कार्य किया जाएगा दूसरे चरण में शहरों में इंडस्ट्री क्षेत्रों की मैपिंग की जाएगी इससे पैमाइश के कार्य में सहायता मिल सकती है
कृषि भूमि की मैपिंग के लिए रोवर्स मशीन से पटवारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रत्येक तहसील में दो-दो रोवर्स मशीन खरीद कर दी जाएंगी ताकि खेतों की पैमाइश आसानी से की जा सके। प्रदेश में 19 स्थानों पर केंद्र बनाए गए हैं जिनसे आसपास के एरिया में 500 किलोमीटर के दायरे में जीपीएस लोकेशन का आसानी पता चल सकेगा। 16 जीआइएस लैब स्थापित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि लैंड मैपिंग से सभी भूमि मालिकों की जमीन की जानकारी स्पष्ट हो सकेगी। इसके अलावा स्कूल, शामलाती ढांचा, धार्मिक स्थलों की लोकेशन भी सही मिल सकेगी।
गांवों में मुरब्बा स्टोन की तरह तकनीक आधारित 25 मुरब्बे के क्षेत्रफल में गहरे एवं मजबूत रेफरेंस प्वाइंट बनाए जाएंगे। इससे मुरब्बा स्टोन की लोकेशन भी निर्धारित हो सकेगी। कृषि भूमि की पैमाइश में जीपीएस लोकेशन डबल तकनीक पर आधारित पैमाइश का लाभ मिलेगा। लैंड मैपिंग के लिए करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत में तीन टीमें लगाई गई हैं। 15 मार्च तक और टीमें लगाई जाएंगी। इस तरह प्रदेश में कुल 44 टीमें लैंड ड्रोन मैपिंग का कार्य करेंगी जिसे अगस्त 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। पांच गांवों में ट्रायल बेस पर लार्ज स्केल मैपिंग का कार्य पहले ही किया जा चुका है।