बॉलीवुड इंडस्ट्री में उर्मिला मातोंडकर एक बहुत ही जाना माना नाम है। उनका जन्म 4 फरवरी 1974 में हुआ था। वह मुंबई महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। उनका जन्म एक मराठी परिवार में हुआ था। उन्होंने हिंदी फिल्मों के साथ-साथ मलयालम, मराठी, तमिल और तेलुगू फिल्मों में भी अभिनय किया है। उर्मिला को बचपन से ही अभिनय करने का शौक रहा है। फिल्मों के साथ-साथ उन्होंने राजनीति में भी अपने आप को उतारा है। कुछ ही महीनों के अंदर उन्होंने राजनीति को छोड़ने का मन भी बना लिया था।
उर्मिला मातोंडकर ने फिल्म ‘मासूम’, ‘नरसिम्हा’, ‘गायम’, ‘रंगीला’, ‘इंडियन’, ‘जुदाई’, ‘सत्या’, ‘खूबसूरत’, ‘जंगल’, ‘प्यार तूने क्या किया’, ‘भूत’, ‘पिंजरा’, ‘एक हसीना थी’, ‘क़र्ज़’, ‘दीवाना’, ‘जानम समझा करो’, ‘मनी मनी’, ‘बड़े घर की बेटी’, ‘द्रोही’ जैसी बड़ी बड़ी फिल्मो में अपने अभिनय को दर्शको के बीच पेश किया है।
उन्होंने साल 1994 और 1995 में बड़े फिल्मों में काम किया है। सन 1994 में उन्हें आ गले लग जा फिल्म में देखा गया था और 1995 में उनके फिल्म रंगीला आई थी जिसका राम गोपाल वर्मा ने निर्देशन किया था। फिल्म में उर्मिला ने मिली जोशी नाम के किरदार का अभिनय किया था।
फिल्म रंगीला से जो उन्हें पहचान मिली वह शायद किसी और फिल्म से नहीं मिली लेकिन उन्हें इस फिल्म को लेकर आज तक एक बहुत बड़ा अफसोस है, जिसका खुलासा उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान किया है।
अभिनेत्री ने बताया कि फिल्म ‘रंगीला’ के बाद लोगों ने कहा कि “मैंने जो कुछ भी किया वह सेक्स अपील के बारे में था और अभिनय से कोई लेना-देना नहीं था। उर्मिला ने आगे कहा कि सॉन्ग ‘हाय रामा’ एक परफॉर्मर के बिना कैसे हो सकता है? क्या आंसू झकझोर देने वाला सीन करना सिर्फ एक्टिंग है?”
उन्होंने आगे कहा ” सेक्सी अपीयर भी एक्टिंग की मांग करता है। मैं फिल्म में मिस नथिंग का किरदार नहीं निभा रही थी। गर्ल-नेक्स्ट-डोर का मेरा किरदार फिल्म के हर गाने से बदल जाता है, जिसे क्रिटिक्स नहीं समझ पाए।”
उर्मिला मातोंडकर को इस फिल्म में शानदार अभिनय निभाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने फिल्म में एक महत्वकांक्षी अभिनेत्री की भूमिका निभाई थी। जिसमें आमिर खान और जैकी श्रॉफ भी लीड रोल में थे। उर्मिला को लगता है कि रंगीला के लिए एक कलाकार के तौर पर उन्हें क्रेडिट मिला।
उर्मिला ने कहा कि रंगीला की इतनी सफलता पाने के बावजूद उनके बारे में एक भी ‘अच्छा शब्द’ नहीं लिखा गया था और सारा क्रेडिट उनके कपड़ों से लेकर उनके बालों को दिया गया, लेकिन उनके अभिनेय को नहीं दिया गया।
एक्ट्रेस ने आगे कहा कि जिन लड़कियों ने 13 फ्लॉप फिल्में दीं, जिन लड़कियों के बारे में कहा जाता था कि वे ‘लड़कों’ की तरह दिखती हैं, उनके बारे में कुछ भी नहीं है, हीरो के साथ डबल मीनिंग गाने करने वाली लड़कियों को एक्ट्रेसस माना जाता था।
लेकिन मेरे लिए कैमरे के सामने रहना एक आध्यात्मिक अनुभव था। मेरे लिए आशा भोंसले और लता मंगेशकर का गाना अपने आप में एक जीत थी। मुझे किसी भी पुरस्कार की जरूरत नहीं थी।