हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ में कोरोनिल दवा के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि, क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल की पूरी रिसर्च आयुर्वेद विभाग को भेज दी गई है।उन्होंने कहा है कि आयुर्वेद दवा बनाने के लिए जो पैरामीटर तय किए गए हैं,उसके अनुरूप ही इस दवा पर रिसर्च की गई है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आयुर्वेद ही बीमारी को जड़ से खत्म करने की प्रक्रिया है। बाबा ने अपने विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि आयुष मंत्रालय ने भी पतंजलि के कोविड के क्षेत्र में अच्छी पहल की तारीफ की है। जिससे सारे विरोधियों के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि आयुष मंत्रालय के साथ सभी चीजों का समाधान हो गया है। आज से कोरोनिल और श्वासारी वटी मिलनी शुरू हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय ने कोविड मैनेजमेंट के लिए पतंजलि के प्रयासों की सराहना की है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कहा कि हमने योग और आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को स्वस्थ होने की जानकारी दी है और उन्होंने अपने विरोधियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ड्रग माफिया चाहते हैं कि कोरोनिल और श्वासारि को बंद किया जाए।
योगगुरु बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा के बारे में सफाई दी, और साथ ही इस पर चल रहे विवाद को लेकर विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि योग और आयुर्वेद का काम कर ना मानो गुनाह हो गया है।
उन्होंने कहा कि जैसे देशद्रोही और आतंकवादियों के खिलाफ F.I.R होता है,वैसा ही व्यवहार हमारे साथ किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल पर तूफान क्यों खड़ा किया जा रहा है।
बाबा रामदेव ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने भी हमारे द्वारा को कोविड़ मैनेजमेंट पर किए गए काम की तारीफ की है,और हमने अभी तक जो काम किया है वह आगे भी जारी रखेंगे।
उन्होंने बताया कि कोरोनिल को बनाने में हमने गिलोय, अश्वगंधा और तुलसी का सुनिश्चित कंपाउंड लिया और इसी तरह दालचीनी और अन्य जड़ी बूटी से सवासरी वटी को तैयार किया है इन सब का लाइसेंस अलग अलग है लेकिन इनका एक साथ प्रयोग हुआ है।
बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि हमारे पतंजलि कंपनी ने जो तीन दवाई बनाई है उसका लाइसेंस हमने यूनानी और आयुर्वेद मंत्रालय से प्राप्त किया है। जो लोग यह सवाल कर रहे हैं कि रिसर्च किस आधार पर कर रहे हैं तो उनको मैं बता दूं कि आयुर्वेद में औषधियों के परंपरागत गुण के आधार पर लाइसेंस मिलता है और हमने परंपरागत गुण के आधार पर लाइसेंस लिया है।
बाबा रामदेव ने अपने विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि हमने हेपेटाइटिस को भी नेगेटिव किया है। इस पर भी F.I.R. दर्ज करवाओ। F.I.R. से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि जो आज तक दुनिया में नहीं हुआ है वह योग ने कर कर दिखाया है।
लाखों बीपी के मरीज योग से ठीक हो गए हैं उनको अब तक दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ती। योग करने से लोगों का अस्थमा बीमारी भी ठीक हो गया है, और हम 10 बीमारियों के दवा पर रिसर्च का काम कर रहे हैं और इसके 3 लेवल भी पार कर चुके हैं।
अगर इसे कोई गुनाह कहता है तो इसके लिए हम तैयार है, लेकिन रोग मुक्ति के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
Written by – Ankit Kunwar
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