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फर्जी पासपोर्ट बनाने के लिए हरियाणा हुआ बदनाम, फिजिकल वेरिफिकेशन में लापरवाही बरतने का निकला परिणाम

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पिछले 2 सालों में फर्जी पासपोर्ट बनाने के 60 से अधिक मामले हरियाणा से दर्ज किए गए हैं। इन फर्जी पासपोर्ट बनने के पीछे सर्वाधिक पुलिस की प्रत्यक्ष सत्यापन यानी कि फिजिकल वेरीफिकेशन में लापरवाही बरतने का परिणाम है। जानकारी के मुताबिक दो साल में ही फर्जीवाड़े के कुरुक्षेत्र, अंबाला, चंडीगढ़, फतेहाबाद और करनाल में 19 केस दर्ज हो चुके हैं। यही कारण है कि पासपोर्ट माफिया के लिए हरियाणा सॉफ्ट टारगेट के रूप में उभर कर सामने आया है।


मिली जानती के मुताबिक माफिया के सदस्यों की पासपोर्ट प्रक्रिया के पग पग पर पकड़ होने के चलते ही सेटिंग से अपराधियों के रिकॉर्ड को छिपाकर दूसरे नाम से उनके पासपोर्ट बनाए गए और पासपोर्ट जारी होने से पहले किसी भी स्तर पर इनकी जांच में असमर्था दर्ज हुई हैं। करनाल और फतेहाबाद में बने पासपोर्ट की पुलिस जांच के दौरान यह सामने आया है कि करनाल में कुख्यात अपराधियों के प्रति पासपोर्ट के लिए एजेटों ने सवा लाख से डेढ़ लाख रुपये लिए। इसके बाद एजेंट ने डाकिया से लेकर थाने के मुंशी और पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी को पैसे देकर पासपोर्ट बनवाया। फाइल निकलवाने के लिए सभी की फीस तय है।,

फर्जी पासपोर्ट बनाने के लिए हरियाणा हुआ बदनाम, फिजिकल वेरिफिकेशन में लापरवाही बरतने का निकला परिणाम


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अंबाला निवासी रमन उर्फ रवि पासपोर्ट एजेंट है। उसके द्वारा बदमाशों के फर्जी आधार कार्ड व मार्कशीट तैयार की गई। पिहोवा निवासी अमरजीत अमेरिका से डिपोर्ट किया गया था। इसने ही कुख्यात हरजीत उर्फ जीता के लिए रमन से पासपोर्ट बनवाने की सेटिंग की थी।

रमन ने बदमाशों से एक पासपोर्ट के बदले एक से सवा लाख रुपये लिए। इसी प्रकार, अमित निवासी करनाल ने फर्जी आधार कार्ड तैयार किए और प्रति फाइल सवा लाख रुपये तक लिए। इसके बाद दिल्ली निवासी एजेंट महेश नांरग पासपोर्ट कार्यालय और इनके बीच का आदमी था। इसी ने पासपोर्ट कार्यालय के आरपीओ मनीष से सेटिंग की थी। इन्होंने ही मिलकर फर्जी पासपोर्ट जारी कराए। ये सभी आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

फर्जी पासपोर्ट बनाने के लिए हरियाणा हुआ बदनाम, फिजिकल वेरिफिकेशन में लापरवाही बरतने का निकला परिणाम




पिछले दो साल में फर्जी पासपोर्ट के मामलों में कुल 19 केस दर्ज किए गए हैं और 93 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। संदिग्ध एजेंटों समेत सभी अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। फर्जीवाड़ा करने वाले किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। कई टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और जल्द ही आरोपियों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा।

आंकड़ों के मुताबिक कुरुक्षेत्र जिले में 5 मामले दर्ज किए गए तो, वहीं 18 आरोपियों को पकड़ा गया। करनाल की बात करें तो यहां 8 केस सामने आएं तो वहीं 10 आरोपियों को पकड़ा गया। फतेहाबाद में भी 5 केस दर्ज किए गए, 62 आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा। पंचकूला में भी 1 केस दर्ज हुआ वाहन 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया

फर्जी पासपोर्ट बनाने के लिए हरियाणा हुआ बदनाम, फिजिकल वेरिफिकेशन में लापरवाही बरतने का निकला परिणाम


मिली जानती के मुताबिक माफिया के सदस्यों की पासपोर्ट प्रक्रिया के पग पग पर पकड़ होने के चलते ही सेटिंग से अपराधियों के रिकॉर्ड को छिपाकर दूसरे नाम से उनके पासपोर्ट बनाए गए और पासपोर्ट जारी होने से पहले किसी भी स्तर पर इनकी जांच में असमर्था दर्ज हुई हैं। करनाल और फतेहाबाद में बने पासपोर्ट की पुलिस जांच के दौरान यह सामने आया है कि करनाल में कुख्यात अपराधियों के प्रति पासपोर्ट के लिए एजेटों ने सवा लाख से डेढ़ लाख रुपये लिए। इसके बाद एजेंट ने डाकिया से लेकर थाने के मुंशी और पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी को पैसे देकर पासपोर्ट बनवाया। फाइल निकलवाने के लिए सभी की फीस तय है।

फर्जी पासपोर्ट बनाने के लिए हरियाणा हुआ बदनाम, फिजिकल वेरिफिकेशन में लापरवाही बरतने का निकला परिणाम



पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अंबाला निवासी रमन उर्फ रवि पासपोर्ट एजेंट है। उसके द्वारा बदमाशों के फर्जी आधार कार्ड व मार्कशीट तैयार की गई। पिहोवा निवासी अमरजीत अमेरिका से डिपोर्ट किया गया था। इसने ही कुख्यात हरजीत उर्फ जीता के लिए रमन से पासपोर्ट बनवाने की सेटिंग की थी।

रमन ने बदमाशों से एक पासपोर्ट के बदले एक से सवा लाख रुपये लिए। इसी प्रकार, अमित निवासी करनाल ने फर्जी आधार कार्ड तैयार किए और प्रति फाइल सवा लाख रुपये तक लिए। इसके बाद दिल्ली निवासी एजेंट महेश नांरग पासपोर्ट कार्यालय और इनके बीच का आदमी था। इसी ने पासपोर्ट कार्यालय के आरपीओ मनीष से सेटिंग की थी। इन्होंने ही मिलकर फर्जी पासपोर्ट जारी कराए। ये सभी आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

फर्जी पासपोर्ट बनाने के लिए हरियाणा हुआ बदनाम, फिजिकल वेरिफिकेशन में लापरवाही बरतने का निकला परिणाम




पिछले दो साल में फर्जी पासपोर्ट के मामलों में कुल 19 केस दर्ज किए गए हैं और 93 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। संदिग्ध एजेंटों समेत सभी अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। फर्जीवाड़ा करने वाले किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। कई टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और जल्द ही आरोपियों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा।

आंकड़ों के मुताबिक कुरुक्षेत्र जिले में 5 मामले दर्ज किए गए तो, वहीं 18 आरोपियों को पकड़ा गया। करनाल की बात करें तो यहां 8 केस सामने आएं तो वहीं 10 आरोपियों को पकड़ा गया। फतेहाबाद में भी 5 केस दर्ज किए गए, 62 आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा। पंचकूला में भी 1 केस दर्ज हुआ वाहन 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया

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