दिल्ली एनसीआर की वायु में हुआ सुधार, सातों दिन फैक्ट्री चलाने की अर्जी को वायु गुणवत्ता आयोग ने किया स्वीकार

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 दिल्ली एनसीआर की वायु में हुआ सुधार, सातों दिन फैक्ट्री चलाने की अर्जी को वायु गुणवत्ता आयोग ने किया स्वीकार<br>

शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा प्रदूषण में स्थिति के सुधार के बाद एक आदेश जारी करते हुए साफ कर दिया गया है कि बहादुरगढ़ में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी कि एनसीआर में फैक्ट्रियों को सातों दिन चलाया जा सकेगा। गौरतलब, वीरवार व शुक्रवार को फैक्ट्रियों के संचालन पर आयोग ने रोक लगा रखी थी।

मगर इसके साथ ही विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि डीसी सेट चलाने पर अभी भी रोक पहले की तरह बरकरार रहेगी। जिस तरह दिन प्रतिदिन वायु प्रदूषण के चलते परेशानी खड़ी हो रही थी, ऐसे में एनसीआर में सप्ताह में पांच दिन ही फैक्ट्रियों के संचालन की अनुमति दी गई थी।

दिल्ली एनसीआर की वायु में हुआ सुधार, सातों दिन फैक्ट्री चलाने की अर्जी को वायु गुणवत्ता आयोग ने किया स्वीकार<br>

आयोग ने स्पष्ट किया है कि एनसीआर क्षेत्र की फैक्ट्रियों को 30 सितंबर 2022 तक ईंधन के रूप में पीएनजी व बायोमास फ्यूल का प्रयोग करना होगा। उसके बाद पीएनजी व बायोमास फ्यूल के बिना किसी भी फैक्ट्री को नहीं चलने दिया जाएगा।

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वहीं हाल फिलहाल में हुई बारिश के बाद प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए आयोग ने अब सप्ताह के सातों दिन फैक्ट्रियों के संचालन की इजाजत देते हुए इन फैक्ट्रियों को सरकार की ओर से स्वीकृत फ्यूल का ही प्रयोग करना अनिवार्य कर दिया है। आयोग ने कहा है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) अवधि में सील की गईं फैक्ट्रियों को चलाने की अनुमति अभी नहीं है।

दिल्ली एनसीआर की वायु में हुआ सुधार, सातों दिन फैक्ट्री चलाने की अर्जी को वायु गुणवत्ता आयोग ने किया स्वीकार<br>




इस अवधि में सील की गईं फैक्ट्रियों को सील खुलवाने और उत्पादन शुरू करने के लिए अलग से व्यक्तिगत रूप से आयोग का दरवाजा खटखटाना होगा। उसके बाद ही आयोग संबंधित आवेदनों पर फैसला करेगा कि सील की गई फैक्ट्रियों को किन शर्ताें के आधार पर चलाने की अनुमति दी जा सकती है। उल्लेखनीय हो कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण देश आर्थिक मंदी जूझ रहा था। वहीं दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्र पर भी संक्रमण ने ग्रहण लगाया हुआ था। अब धीरे धीरे कोशिश कर के आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।