जैसा की आप सभी को पता ही है कि, रविवार की सुबह पूरे देश के लिए बहुत ही दुख भरी खबर आई थी। हमारी सुरों की मलिका हमारे बीच नहीं रही, उनकी सांसों की डोरी रविवार सुबह 8:12 पर टूट गई। लता मंगेशकर का निधन मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ। इस खबर से सभी लोगों की आंखें नम हो गई। पूरे देश में एक दुख की लहर फैल गई। वह बहुत ही ज्यादा सम्मनीय नागरिक थी। सभी लोगो उन्हे बहुत प्यार करते है।
लता मंगेशकर का पूरी दुनिया में एक तरफा नाम चलता है। उन्होंने 36 भाषाओं में 30,000 से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए थे। उन्हें भारत में सबसे ऊंचे सम्मान भारत रत्न और फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित बहुत सारे अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उनके पास अपार संपत्ति है। आइए बताते हैं आपको उनकी नेटवर्क के बारे में।
आपको बता दे, लता मंगेशकर ने अपनी कमाई की शुरुआत सिर्फ ₹25 से की थी। लेकिन बहुत ही कड़े संघर्ष के बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में एक बहुत ही खास जगह बनाई थी। जिसके बाद वह अपार संपत्ति की मालकिन बनी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनके पास करोड़ों की नहीं बल्कि और अरबों की संपत्ति है। अगर बात करें उनकी कुल संपत्ति की तो वह करीब 50 मिलियन अमरीकी डॉलर बताई जा रही है। जो भारतीय मुद्रा में 368 करोड रुपए होती है।
आपको बता दें लता मंगेशकर का घर प्रभु कुंज भवन दक्षिण मुंबई के पेडर रोड पर है। हालांकि अब हमेशा के लिए उन्होंने यहां पर रहना छोड़ दिया है। आपको बता दें इस घर की कीमत करोड़ों में है।
अगर बात करें इनकी कार कलेक्शन की तो इनके पास एक शेवरले, ब्यूक और एक क्रिसलर कार है। इनके पास एक मर्सिडीज भी है मर्सिडीज कार उन्हें फिल्म निर्माता यश चोपड़ा ने veer-zaara फिल्म में गाने के रिलीज होने के बाद तोहफे के रूप में दी थी।
आपको बता रहे लता मंगेशकर का बचपन का नाम हेमा था। लेकिन जब वह 5 साल की हुई तो उनका नाम लता रख दिया गया। उन्होंने 5 साल की उम्र में ही गाना गाना शुरू कर दिया था। संगीत उन्हें विदा दीनानाथ मंगेशकर से विरासत में मिला था। महज 13 साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था। 13 साल की उम्र में पहली बार उन्होंने स्टूडियो में गाना गाया था।
इन्हें सबसे पहले पहचान फिल्म महल के गाने ‘आएगा आने वाला’ से मिली थी। वहीं कवि प्रदीप का लिखा हुआ गाना ‘ए मेरे वतन के लोगों’ गाकर उन्होंने हर किसी का दिल जीत लिया था। यह गाना जब देश के पहले पीएम पंडित नेहरु ने सुना था तो उनकी आंखों में आंसू आ गए थे।