Categories: Uncategorized

किन्नरों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, भाई बनाकर भरा इस परिवार का भात, जरूरत पड़ने पर बनी मामा

जैसा की आप सभी को पता ही है कि,  हमारे समाज में किन्नरों को एक अलग नजरिए से देखते हैं। उन्हें लोग घर में नहीं रखते, उन्हें बाहर रखने की परंपरा है। जब किसी बच्चे का जन्म होता है या शादी की खुशियां होती है, तब किन्नर घर आते हैं। जिन्हें हम लोग बधाई देते हैं, वह हमें बदले में सलामती की दुआ देकर जाते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसे मौके पर भी यह घर आते हैं जब इंसानियत इन्हें पुकारती है। किन्नर कभी भी किसी की मदद के लिए पीछे नहीं हटते। वह हर इंसान की मदद  करने के लिए दौड़े चले आते हैं। इसी तरह की एक खबर मध्य प्रदेश के मुरैना से आई है।

आपको बता दें मुरैना के अंबाह में किन्नर समाज में एक मिसाल कायम की है, जिससे सभी लोग उनकी वाह-वाह कर रहे हैं। इन किन्नरों ने एक बेसहारा बुजुर्ग मां की बेटी की शादी में भात की रस्म निभाई और जब उसके बाद बेटी का बच्चा हुआ तो मामा मामी बनकर अपने भांजे को बहुत कीमती तोहफे भी दिए।

आपको बता दें, अंबाह की प्रताप कॉलोनी में रहने वाले डोंगर सिंह जाटव की 2 साल पहले मौत हो गई थी। उनकी पत्नी 60 साल की है। जिसका नाम चरण देवी है। पति की मौत के बाद पूरे परिवार के सामने संकट खड़ा हो गया।

उनकी बेटी पूनम और दिव्यांग बेटे के सामने बहुत परेशानियां आने लगी। अपने रिश्तेदारों की मदद से चरण देवी ने अपनी बेटी पूनम की शादी पिछले साल 14 मार्च को तय की थी। बेटे के दिव्यांग होने के कारण भात की रस्म अदायगी करने का संकट उनके सामने खड़ा हो गया।

जैसी शादी की खबर मिली तो रबिया किन्नर अपनी टीम के साथ चरण देवी के घर पहुंची। जब चरण देवी ने अपने सारे हालात उन्हें बताए तो राबिया ने भाई बनकर अपना पूरा फर्ज अदा किया।

शादी के लिए उन्होंने भात की रस्म के लिए हजारों रुपए पूनम के ससुराल भिंड भेजे। ससुराल जाने के बाद पूनम खुशी से रहने लगी। उसके बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया। उसके बाद जब उसे पता चला कि पूनम का बच्चा हुआ है उसने फिर अपना भाई का फर्ज निभाया।

किन्नर रबिया अपनी पूरी टीम के साथ भांजे के लिए सामाजिक रस्म पूरी की। उसने पछ यानी बच्चा पैदा होने पर मायके की तरफ से दिए जाने वाले सामान की रस्म निभाई। उसने अपने साथियों के सहयोग से 60-70 हजार के पछ का सामान चरण देवी को दे दिया।

ताकि चरण देवी अपनी बेटी के ससुराल जाकर उसे यह सारा सामान दे सके।  उन्होंने मानवता की मिसाल कायम की है। सभी लोग इन किन्नरों की तारीफ कर रहे हैं। साथ ही दिल से दुआ भी दे रहे है।

Kunal Bhati

Recent Posts

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है: कशीना

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है, इसका संबंध सिद्ध…

1 day ago

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री…

1 week ago

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

3 months ago