मौत और बदनसीबी दो ऐसी चीजे है जोकि बगैर खबर किए आती है हम खतरो को पालते नही बल्कि खत्म कर देते है ये शानदार डायलॉग सुनते ही हमारे शामली लाल आंखें तन तना का चेहरा और रोग अंदाज के लिए फिर मौके उस रीज़न कलाकार की तस्वीर उभर कर आती है जो कि कैमरे के सामने होता है तो उसका मिजाज अधिकतर कुछ समय ऐसा ही होगा। बड़े पर्दे पर कभी कभी ऐसा अभिनय करते है जिससे वो रातों रात वो लोगो के दिलो पर छा जाते है।उनके डायलॉग बोलने का अंदाज लोगों को काफी प्रभावित करता है।
बॉलीवुड के एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसका डायलॉग सुनते ही सामने वाले के सामने उसकी लाल आंखें, तनतनाता चेहरा,उसका रौब वाला अंदाज लोगों के सामने उभर कर आ जाता है। इनका किरदार फिल्मों में इतना जबरदस्त होता है कि लोगो के अंदर इस किरदार को लेकर खौफ पैदा हो जाता है।
हम जिक्र कर रहे बॉलीवुड में दशकों तक अपने अभिनय के जरिए लोगों का मनोरंजन करने वाले डैनीडेंगजोंग्पा की।इन्होंने अपने शानदार एक्टिंग से लोगो का दिल जीत लिया।
जया ने दिया था डैनी नाम
डैनी डेंगजोंग्पा अभिनेता का जन्म 25 फरवरी 1948 को सिक्किम गंगटोक में हुआ।इस मशहूर अभिनेता का असल नाम शेरिंग फिंटसो डेंगजोंग्पा है। इनके बारे में एक रोचक वाक्या यह है कि जब भी ये बॉलीवुड में आए तो उनके नाम को पुकारने में लोगों को खासी दिक्कत आती थी।जिसके चलते जया बच्चन अभिनेत्री ने इन्हें नया नाम डैनी दे दिया।
इसके बाद से फिल्मी दुनिया में यह इसी नाम से बुलाए जाने लगे। डैनी कॉलेज के दिनों से आर्मी में जाने का ख्वाब देखा करते थे, लेकिन इनकी मां को ये पसंद नही था। इसके बाद इन्होंने अभिनय में अपना करियर का चुनाव किया
गब्बर के लिए डायरेक्टर की पहली पसंद डैनी थे
शोले अपने जमाने की सुपरहिट फिल्मों में से एक है।इस फिल्म की सफलता ये फिल्मी दुनिया से जुड़ा हर शख्स वाकिफ है फिर चाहे इस फिल्म का डायलॉग हो या एक्टिंग। शोले के जिस गब्बर सिंह के नाम पर आज भी कितनी मां अपने बच्चों को डरा कर सुलाती हैं।
उस गब्बर का किरदार निभाने के लिए निर्देशक रमेश सिप्पी ने सबसे पहले अमजद खान की जगह परडैनी डेंगजोंग्पा को लेना चाहा था, लेकिन डैनी उस समय दूसरी फिल्मों में व्यस्त थे। इसके चलते उन्हें डेट फाइनल करने में दिक्कत हो रही थी।यही वजह है कि रमेश सिप्पी ने गब्बर सिंह के रोल के लिए अमजद खान को इस किरदार के लिए चुना।
मल्टी टैलेंटेड है ये अभिनेता
हिंदी सिनेमा में डैनी ने लगभग पांच दशक तक फिल्में की। यही वजह है कि इन्होंने यहां पर एक नया मुकाम हासिल कर लिया है। एक्टिंग के अलावा डैनी को और भी शौक है। जैसे कि टेबल टेनिस के ये अच्छे खिलाड़ी माने जाते हैं।
फिल्म के बाद खाली समय में डैनी कई बार सेट पर अमिताभ बच्चन के साथ टेनिस खेलते हुए दिखाई पड़ते थे। इनको गाने का भी बेहद शौक है।ये काफी सादगी पसंद व्यक्ति है।इसके अलावा ये अपने नियमों के भी काफी पक्के हैं।
डैनी को आखरी बार साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म ‘मणिकर्णिका’ में अभिनय करते हुए देखा गया था।वे रोजाना सुबह 5 बजे योगा के साथ अपनी दिन की शुरुआत किया करते हैं। डेनी को मीडिया में बने रहना बिल्कुल पसंद नहीं है। यही वजह है कि वह मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं।
इनकी निजी जिंदगी और फिल्मी करियर को लेकर किसी तरह की अफवाह ना बनने की एक वजह मीडिया से दूरी बनाए रखना है। कला के क्षेत्र में इनका उत्कृष्ट योगदान था।यही वजह है कि डैनी डेंगजोंग्पा को वर्ष 2003 में भारत सरकार की तरफ से देश के चौथे सर्वोच्च सम्मान ‘पद्मश्री’ से नवाजा गया।