हरियाणा में पिछले दो माह यानी कि दिसंबर से लेकर जनवरी तक बुजुर्गों को मिलने वाली बुढापा पेंशन अभी तक उनके बैंक में नहीं पहुंची है, जिसके चलते बुजुर्ग वर्ग में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। यहां की नए पेंशन खाता खोलने में भी बड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा हैं। परिवार पहचान पत्रों में जिन लोगों की अधिक आय है, उसके आधार पर हालांकि हजारों लोगों की पेंशन काटी भी जा चुकी है, लेकिन जिन लोगों को पेंशन मिल रही है।
उन्हें दो माह से एक रुपया हासिल नहीं हुआ है। बुजुर्ग पेंशन के लिए बैंकों व जिला समाज कल्याण अधिकारियों के चक्कर काटते फिर रहे हैं। उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है। जिला समाज कल्याण अधिकारियों द्वारा बुजुर्गों की नई पेंशन भी नहीं बनाई जा रही है। बुजुर्गों की नई पेंशन भी नहीं मिल रही है। इस पर कांग्रेस नेताओंं ने सवाल उठाए हैं।
हरियाणा के पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि सरकार लंबे समय से दावा कर रही है कि परिवार पहचान पत्र से 54 योजनाओं के लाभ को जोड़ा गया है, लेकिन असलियत यह है कि अधिकारी इस परिवार पहचान पत्र को मानते ही नहीं हैं। परिवार पहचान पत्र के हिसाब से लाखों लोग ऐसे हैं, जिनकी उम्र 60 साल या इससे ऊपर हो चुकी है, लेकिन उनकी स्वाभाविक तौर पर पेंशन बनने की बजाय जिला समाज कल्याण अधिकारी उन्हें आफलाइन पेंशन बनवाने के लिए भी चक्कर कटवा रहे हैं।
कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने भी प्रदेश सरकार पर कुछ इसी तरह के आरोप लगाए हैं। किरण चौधरी ने कहा कि ऐसे लोग जो सिर्फ पेंशन पर निर्भर हैं, उन्हें दवा व जरूरी सामान के लिए दूसरों के मुंह की तरफ देखना पड़ रहा है। कहां तो गठबंधन की सरकार ने बुजुर्गों को पांच हजार रुपये मासिक पेंशन देने का वादा किया था और अब उन्हें नियमित पेंशन के लिए भी तरसाया जा रहा है। गीता भुक्कल ने कहा कि अब बुढ़ापा सम्मान पेंशन अपमान पेंशन में तबदील हो गई है। सरकार पोर्टल का बहाना दिखाकर पेंशन काट रही है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया है कि सरकार बुजुर्गों की पेंशन खत्म करने की नीति पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने बुजुर्गों की पेंशन रोकने पर सरकार की कड़ी आलोचना की है। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश भर के लोगों ने उन्हें बताया है कि अब तक पिछले साल दिसंबर और इस साल जनवरी महीने की पेंशन उन्हें नहीं मिली है। सरकार ने जानबूझकर बुजुर्ग, विधवा और विकलांग पेंशन को रोका हुआ है।