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हरियाणा मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए अहम फैसले, जानिए क्या हुआ इस मीटिंग में खास

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में ऐसी जन सुविधाएं, जो 20 वर्षों से अस्तित्व में हैं, के लिए बिल की प्रयोज्यता को सीमित करने के लिए एक खंड शामिल करने के उपरांत ‘हरियाणा जनसुविधापरिवर्तन निषेध बिल,2022 तैयार करने के संबंध में प्रशासनिक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

कई दशकों से, निजी व्यक्तियों/संस्थाओं की भूमि पर जन सुविधाएं जैसे सडक़ें, सरकारी भवन जैसे कि कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, सिंचाई/जल चैनल आदि का निर्माण हुआ है। यह बिना किसी मुआवजे या किसी भी रूप में प्रतिफल के दावे के बिना मौखिक समझौते या मौखिक उपहार आदि के रूप में निजी व्यक्तियों की उदारता के कारण हो सका।

अंतत: इससे आम तौर पर राज्य के सामंजस्यपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के अलावा, विशेष रूप से व्यक्तियों और बड़े पैमाने पर जनता को लाभ हुआ है। हालाँकि, समय बीतने और भूमि के मूल्य में वृद्धि के कारण कुछ व्यक्तियों या निजी संस्थाओं ने इन मौखिक समझौतों या उपहारों आदि को चुनौती देकर अदालतों की शरण लेना शुरू कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, राज्य सरकार को सडक़ संपर्क, जलापूर्ति में व्यवधान, प्रशासनिक समस्याओं और भारी वित्तीय प्रभावों के बोझ के संदर्भ में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि सरकार के राजस्व संसाधन सीमित हैं इसलिए अतिरिक्त करों, उपकरों आदि के रूप में बोझ अंतत: आम जनता पर ही पड़ जाता है।

जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार ने हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा जल सरंक्षण के क्षेत्र में किये गए कार्य की सराहना की है। हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने सभी राज्यों की ऐसी ही प्राधिकरण के साथ वर्चुअल माध्यम से एक मीटिंग की थी।

इस मीटिंग में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सतबीर सिंह कादियान ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण को अवगत कराया कि हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के दिशानिर्देशों को लागू किया है और मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में भू-जल के विनियमन तथा संरक्षण से जुड़े अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं।

इनमें सूक्ष्म सिंचाई, अपशिष्ट जल का सिंचाई व अन्य के लिए प्रयोग और जलभराव वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करना शामिल है। इस संदर्भ में, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने पत्र जारी करते हुए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की प्रशंसा की है।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने राज्य में पानी के सरंक्षण प्रबंधन तथा विनियमन के लिए इस प्राधिकरण का गठन 2020 में किया गया था।

deepika gaur

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