हरियाणा सरकार ने प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचर के आकस्मिक अवकाश (सीएल) को बहाल कर दिया है। पिछले साल 30 दिसंबर से सीएल पर रोक थी। सोमवार को स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस रोक का हटाते हुए अतिथि अध्यापकों को यह सुविधा देने के आदेश जारी किए। इतना ही नहीं, इस फैसले में रोड़ा बनने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।
स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए हुड्डा सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में गेस्ट टीचर लगाए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें हटाने के आदेश भी दिए। भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनावों के घोषणा-पत्र में अतिथि अध्यापकों को नियमित करने का वादा किया था।
सरकार उन्हें नियमित तो नहीं कर पाई लेकिन खट्टर सरकार ने पहले कार्यकाल के आखिरी दिनों में विधानसभा में कानून बनाकर गेस्ट शिक्षकों को रोजगार की गारंटी दी। अब गेस्ट टीचर रिटायरमेंट उम्र तक स्कूलों में बने रहेंगे। बहरहाल, सोमवार को शिक्षा विभाग के निदेशक ने उनकी सीएल फिर से बहाल करने के आदेश जारी किए। साथ ही, अतिथि अध्यापकों की सेवाएं बोर्ड परीक्षा और पेपर की जांच में भी लेने के निर्देश दिए हैं।
इस बाबत सभी जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखित में आदेश दिए हैं। गेस्ट टीचर जब परीक्षा केंद्र पर अधीक्षक या सुपरवाइजर नियुक्त किए जाते थे तो नियमित शिक्षकों द्वारा इसका विरोध किया जाता था। नियमित शिक्षक यह दलील देते थे कि गेस्ट टीचर सही से ड्यूटी नहीं निभा सकते। अतिथि अध्यापकों की हड़ताल को खत्म करने के लिए सीएम मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में हुई बैठक में आकस्मिक अवकाश और बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी का मुद्दा जोर-शोर से उठा था।
शिक्षा परियोजना परिषद में भी ऑनलाइन ट्रांसफर
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद में भी अब ऑनलाइन ट्रांसफर होंगे। मुख्यालय से लेकर जिला, ब्लाक रिसोर्स सेंटर और क्लस्टर रिसोर्स सेंटर तक का स्टॉफ ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में कवर होगा। कांट्रेक्ट लगे कर्मचारी अभी इसके दायरे में नहीं आएंगे। पोर्टल पर तबादला प्रक्रिया मार्च में शुरू होगी और अप्रैल में पात्र लोगों के तबादले होंगे। स्थानांतरण के लिए विभिन्न अंकों के आधार पर कुल 80 अंकों की मेरिट होगी।
आयु की वरिष्ठता के आधार पर अधिकतम 60 अंकों का लाभ मिल सकेगा। तबादलों में दिव्यांगों और मूक-बधिरों को 20 और महिला कर्मचारियों, विधवाओं तथा गंभीर बीमारियों से ग्रस्त कर्मचारियों को दस अंकों का लाभ मिलेगा, जबकि विधुर कर्मचारियों को तबादलों में पांच अंकों का लाभ दिया जाएगा। कपल केस में भी कर्मचारियों को पांच अंक अतिरिक्त दिए जाएंगे।