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हरियाणा में जान दांव पर लगाकर पढ़ने जाते हैं बच्चे, कंडम और जर्जर घोषित हो चुके हैं यह स्कूल

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स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है लेकिन हरियाणा के कुछ सरकारी स्कूल बच्चों की जान का दुश्मन बन चुके हैं। इनकी हालत इतनी ज्यादा खराब है कि कभी भी यहां हादसा हो सकता है। फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के इंदिरा कॉलोनी का सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल नीचे गहरी सीवर लाइन और ऊपर जा रही हाई वोल्टेज बिजली की तारों के बीच में बना हुआ है। यह सच्चाई खुद जिला शिक्षा अधिकारी ने हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा द्वारा दायर की गई एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार की है। वह भी जर्जर हालत में हैं।

कमरों के आगे कोई बरामदा नहीं है, कोई खेल का मैदान, लाइब्रेरी, स्टाफ रूम भी नहीं है। यह स्कूल शिक्षा नियमावली के किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहा है। बिना सोचे समझे और देखे इस स्कूल को मिडल से सीधा सीनियर सेकेंडरी बना दिया गया।

हरियाणा में जान दांव पर लगाकर पढ़ने जाते हैं बच्चे, कंडम और जर्जर घोषित हो चुके हैं यह स्कूल

कैलाश शर्मा ने कहा है कि ऑल इंडिया पेरेंट एसोसिएशन आईपा द्वारा पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत को लेकर दायर की गई एक याचिका के संबंध में शिक्षा विभाग पंचकूला ने हाईकोर्ट को शपथ पत्र देकर बताया था कि जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद को कहा गया है कि जब तक इस स्कूल को चलाने के लिए कोई जगह तलाश कर उस पर स्कूल बिल्डिंग ना बन जाए तब तक इस स्कूल को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाए।

शिफ्ट नहीं हुआ स्कूल

हरियाणा में जान दांव पर लगाकर पढ़ने जाते हैं बच्चे, कंडम और जर्जर घोषित हो चुके हैं यह स्कूल

लेकिन आज तक इस स्कूल को ना तो दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है और ना ही इसके लिए कोई जगह तलाश की गई है। अभिभावक मंच का कहना है कि इस स्कूल के सामने काफी बड़ी सरकारी ग्रीन बेल्ट खाली पड़ी है जब उस पर एक पेट्रोल पंप बन सकता है तो उस पर स्कूल की बिल्डिंग क्यों नहीं बन सकती है।

हरियाणा में जान दांव पर लगाकर पढ़ने जाते हैं बच्चे, कंडम और जर्जर घोषित हो चुके हैं यह स्कूल

अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि शिक्षा विभाग की लापरवाही का अकेला यही एक उदाहरण नहीं है सेक्टर नौ स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल 2 एकड़ की जमीन पर बना हुआ है जबकि सेक्टर 10 का सीनियर सेकेंडरी स्कूल आधा एकड़ जमीन में बना हुआ है।

अनसेफ हैं यह 47 स्कूल

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कैलाश शर्मा ने कहा है कि उन्होंने आरटीआई के माध्यम से पता लगाया है कि लगभग 47 सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग व कमरों को 2017 व 18 में ही कंडम व जर्जर घोषित करके अनसेफ कर दिया गया था। इनमें सभी विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों के साथ-साथ हरियाणा विधानसभा की शिक्षा सुधार कमेटी की चेयरमैन सीमा त्रिखा के विधानसभा क्षेत्र के स्कूल बड़खल गांव, फतेहपुर सहित कई स्कूल शामिल हैं।

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इन्हीं में छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। मंच का आरोप है कि आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने सरकारी स्कूलों में जाकर के उनकी स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं की है।

न्यायालय का लिया सहारा

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ऑल इंडिया पेरेंटस एसोसिएशन (AIPA) व अभिभावक एकता मंच सरकारी शिक्षा बचाओ अभियान के तहत उच्च न्यायालय का सहारा लेकर सरकारी स्कूलों की दशा में सुधार कराने का कार्य कर रहा है। प्रथम प्रयास में फरीदाबाद के अनंगपुर, तिगांव, फरीदपुर, दयालपुर, गौछी, मोहना और पलवल जिले के भगोला, मंडकोल, अहरवां, रसूलपुर, मंडकोला, पलवल कैंप, गहलेब, बामड़ीखेड़ा स्कूलों की नई बिल्डिंग बनाने का कार्य प्रगति पर है।

हाईकोर्ट ने सरकार को दिया कार्यवाही का आदेश

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हाईकोर्ट में दायर की गई एक नई याचिका में दिए गए फैसले में हरियाणा सरकार से कहा गया है कि वह याचिका में दर्शाये गए 10 जिलों के 55 सरकारी स्कलों की जर्जर व कंडम हो चुकी बिल्डिंग का जीर्णोद्धार करने की कार्यवाही करे। इसमें फरीदाबाद के भी 8 स्कूल शामिल हैं।

हरियाणा में जान दांव पर लगाकर पढ़ने जाते हैं बच्चे, कंडम और जर्जर घोषित हो चुके हैं यह स्कूल

मंच ने सरकारी स्कूलों के सभी प्रधानाचार्य से अपील की है कि वे अपने-अपने स्कूलों की कंडम हो चुकी बिल्डिंग व कमरों के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर तुरंत अवगत कराएं और उसकी एक प्रति मंच को भी दें।

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