इस बार हरियाणा में मौसम में इतने बदलाव हुए जिससे लोग भी परेशान हो गए। कभी मूसलाधार बारिश तो कभी कड़ाके की ठंड। मौसम के इस फेर बदल के कारण इस बार की ठंड ने सबको हिला कर रख दिया है। बारिश ने ठंड और शीतलहरों के साथ मिलकर वातावरण का पारा बहुत ज्यादा गिरा दिया। कहते हैं मकर संक्रांति के बाद से मौसम बदलने लगता है। इसके बाद से ठंड की विदाई शुरू हो जाती है। लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए ऐसा नहीं लग रहा। लोगों को इतनी जल्द ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है।
आपको बता दें कि पश्चिमी विक्षोभ ने एक बार फिर से अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। जिस वजह से अभी ठंड जाने के बिल्कुल भी आसार नहीं नजर आ रहे हैं। मौजूदा समय में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही भारी बर्फबारी का असर सीधे तौर पर मैदानी इलाकों में साफ देखा जा सकता है।
विशेषकर हरियाणा और दिल्ली एनसीआर पर इसका असर साफ देखा जा सकता है। रात के समय ठंडी और सर्द-बर्फीली हवाएं भी चल रही हैं। उत्तरी बर्फीली हवाओं से तापमान में लगातार गिरावट जारी है।
नहीं थम रहा हिमपात
आपको बता दें कि जब एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है तो इससे केवल पर्वतीय क्षेत्रों में ही हिमपात होता है। नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी चंद्रमोहन ने बताया कि लगातार सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात हो रहा है।
उसके बाद हवा की गति तेज है और दिशा उत्तर-पश्चिम है, जिस वजह से पूरे हरियाणा और एनसीआर दिल्ली में सुबह और शाम रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
हरियाणा का जिला महेंद्रगढ़ है सबसे ठंडा
बता दें कि पिछले एक-दो दिनों से हरियाणा का जिला महेंद्रगढ़ सबसे ठंडा क्षेत्र बना हुआ है। प्रदेश में शुक्रवार को अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस से 9.4 डिग्री सेल्सियस और हरियाणा में अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री से 23.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
इस समय दिल्ली एनसीआर और हरियाणा में ठंड का कहर जारी है। अगले दो-तीन दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा। उत्तरी बर्फीली हवाओं के तेज होने से रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी।