नगर निगम में आउटसोर्सिंग के जरिये स्टाफ रखा जाता है। इनकी सैलरी का जिम्मा आउटसोर्सिंग करने वाली एजेंसी का होता है। अब उन्हें के पीएफ के 1.54 करोड़ रुपये कहां गए, इसका बात का पता लगाने में पुलिस भी असमर्थ प्रतीत दिखाई दे रहीं है। वहीं अब इस मामले में नगर निगम के अकाउंट ब्रांच ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने के लिए आग्रह किया है। उक्त शिकायत पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि आउटसोर्स करने वाली एजेंसी पर पीएफ के 1 करोड़ 54 हजार रुपये बकाया हैं, जिनमें से उसने पीएफ ऑफिस में 79 लाख रुपये जमा करा दिए, बाकी के 75 लाख रुपये आज भी कहां है, किसी को नहीं पता।
आपको बताते चलें कि नगर निगम फाइनैंस ब्रांच सभी कर्मचारियों का पीएफ और वेतन का पैसा एजेंसी को अदा है। इतना हीं नहीं एजेंसी कर्मचारियों के खाते में सैलरी डालती है और पीएफ काटती है, लेकिन साल 2014 से 2016 के बीच एक एजेंसी ने नगर निगम कर्मचारियों के पीएफ के 1 करोड़ 54 लाख रुपये कहा हवा हो गए कोई सूचना हाथ नहीं लग रही है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें नगर निगम अकाउंट ब्रांच के अधिकारियों की मिलीभगत भी है। नगर निगम के मुताबिक, इस मामले में 2017 में एसजीएम नगर थाने में शिकायत की गई थी। 2018 में पीएफ विभाग ने भी जांच की और पाया कि एजेंसी ने पीएफ का पैसा कर्मचारियों के खाते में नहीं दिया है। 2021 में पुलिस में शिकायत भी बंद करवा दी गई। इस मामले में एक बार फिर से हरियाणा सरकार ने 24 जनवरी 2022 को अधिकारियों को बुलाया और जानकारी ली।
वहीं नगर निगम फाइनैंस कंट्रोलर बीबी कालरा का कहना हैं कि हमने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है, ताकि इस मामले की उचित जांच हो सके।
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