फरवरी का आधा माह बीत चुका है, ऐसे में आने वाले मार्च में गर्मी का असर भी देखने को मिलेगा। स्पष्ट शब्दों में कहें तो अब हरियाणा में मौसम साफ हो चुका है। दोपहर की धूप लोगों को जलाने लगी हैं। वहीं अब तीन पश्चिमी विक्षोभ का एक के बाद एक आगमन होगा, इसका असर पहाड़ी मैदानों पर तो देखने को मिलेगा, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में पहाड़ों में बर्फबारी बढ़ने से रात के समय ठंड अधिक महसूस होगी। वैसे तो दिन के समय मौसम साफ होने के कारण ठंड से राहत मिली रहेगी। उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में दिसंबर के महीने में शीत लहर की स्थिति नहीं देखी गई। हालांकि, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में ठंड के दिन बहुतायत में थे।
फरवरी का महीना पश्चिमी हिमालय में भारी हिमपात और उत्तर पश्चिम भारत में तापमान में गिरावट के साथ शुरू हुआ। पिछले कुछ दिनों से मौसम लगभग शुष्क है और अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है। हालांकि उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से नीचे है।
हमें अगले 2-3 दिनों में न्यूनतम तापमान में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। इसके बाद न्यूनतम और अधिकतम में क्रमिक वृद्धि हो सकती है। अगले सप्ताह के दौरान पश्चिमी हिमालय पर छिटपुट हिमपात जारी रह सकता है। पश्चिमी विक्षोभ की श्रृंखला जो पहाड़ी राज्यों की ओर बढ़ेगी, देश के उत्तरी भाग पर पश्चिमी हवाओं को हावी नहीं होने देगी। इसलिए न्यूनतम तापमान में खासी गिरावट नहीं आएगी।
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय एक कमजोर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र श्रीलंका और उससे सटे इलाकों पर बना हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ के 13 फरवरी की रात तक पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन मैदानों में इसका असर नही होगा। मौसम विभाग का मानना है कि पहाड़ों में बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में ठंड के रूप में बना रहेगा। संभव है कि फरवरी के बचे दिन भी अच्छी-खासी ठंड में ही बीतेंगे। यह जरूर कहा जा सकता है कि अब सर्दी अंतिम पड़ाव में पहुंच चुकी है।