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हरियाणा के कैदियों की सुनवाई और अंडर ट्रायल के लिए सुनवाई होगी बंद, वीडियो कांफ्रेंसिंग बनेगा संचार का माध्यम

प्रदेश के होम सेक्रेटरी राजीव अरोड़ा तथा जेल विभाग के महानिदेशक मोहम्मद अकील इसके लिए हाईकोर्ट के साथ कार्डिनेट करेंगे। दरअसल, फिलहाल तो हरियाणा के।अंतर्गत आने वाले जिलों में बंद कैदियों और अंडर ट्रायल को अब सुनवाई के लिए कोर्ट में नहीं ले जाया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही सुनवाई पर जोर रहेगा। इसकी शुरूआत जेलों में हो चुकी है लेकिन पूरी तरह से अमल के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सहमति अनिवार्य है।



सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इसके लिए दोनों अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान हार्डकोर क्रीमिनल के बीच गैंगवार की आशंका व पुरानी घटनाओं को देखते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करवाने पर सरकार सहमत हुई है। इस प्रक्रिया पर पुलिस विभाग का सालाना करीब 25 करोड़ रुपये खर्चा भी होता है। रविवार को नूंह में प्रदेशभर के जेल अधिकारियों के साथ सीएम मनोहर लाल खट्टर की बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई।


लगभग छह घंटा चली जेल अधिकारियों की यह पहली बैठक थी, जिसमें सीएम ने इतना समय दिया। बैठक में सीएम ने कहा कि वे हर साल प्रदेश की किसी एक जेल में सभी जेल अधिकारियों की बैठक लेंगे। प्रदेश की अधिकांश जेलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा है। अब इसमें और सुधार के लिए नये उपकरणों की खरीद को सीएम ने मंजूरी दी है। नूंह में नई जेल की शुरूआत के बाद प्रदेश में जेलों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।

जेलों का नाम बदलने का निर्णय भी बैठक में हुआ है। सुधार गृह जैसा नाम जेलों का रखा जाएगा। जेल विभाग की ओर से इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाद विधानसभा में बिल लाकर इसके लिए एक्ट बनेगा। यहां बता दें कि राज्य की जेलों में साढ़े 24 हजार के करीब कैदी/बंदी हैं। इनमें से छह हजार के लगभग कैदी और साढ़े 18 हजार के करीब बंदी हैं, जो अंडर ट्रायल हैं।



बैठक में जेल मंत्री चौ़ रणजीत सिंह, डीजीपी पीके अग्रवाल, जेल महानिदेशक मोहम्मद अकील, सीआईडी चीफ आलोक मित्तल, पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी आरसी मिश्रा, एडीजीपी संदीप खिरवार, आईजी सतेंद्र गुप्ता व सतीश बालन, रेवाड़ी व नूंह के एसपी, नूंह डीसी अजय कुमार, एडवाइजर-टू-सीएम अनिल राव, तिहाड़ जेल के डीजीपी संदीप गोयल व हरियाणा के पूर्व डीजीपी डॉ़ केपी सिंह सहित सभी जेलों के अधीक्षक मौजूद रहे।

बैठक में जेल अधिकारियों की सिक्योरिटी का मुद्दा भी उठा। हिसार में डिप्टी सुपरिटेंडेंट के अलावा कई सिपाहियों का मर्डर हो चुका है। जेल के कई अधिकारियों को बदमाशों द्वारा धमकियां दी जा चुकी हैं। सीएम ने गृह विभाग के अधिकारियों को इस दिशा में कदम उठाने को कहा है। गृह विभाग जेल अधिकारियों की सिक्योरिटी का रिव्यू कर सीएम को रिपोर्ट सौंपेंगे। जेल अधीक्षक व उपाधीक्षक को वर्दी भत्ता मिलेगा और अब वे वर्दी में ड्यूटी देंगे।



प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को सरकार की ओर से स्कारपियो गाड़ी मुहैया करवाई जाएगी। वर्तमान में किसी भी जेल अधीक्षक के पास सरकारी गाड़ी नहीं है। जेल अधीक्षकों व उपाधीक्षकों को सरकार मोबाइल फोन भी उपलब्ध करवाएगी। मोबाइल फोन मुहैया करवाने का आग्रह सीएम के एडवाइजर अनिल राव ने किया था। इस पर सीएम ने तुरंत सहमति दी। जेलों में महिला डॉक्टरों की भी नियुक्ति होगी। इतना ही नहीं, जेल में ड्यूटी देने के बाद महिला डॉक्टरों पर गांव में प्रेक्टिस की शर्त से बाहर कर दिया जाएगा। जेलों में खाली पदों को भर्ती करके भरा जाएगा। साथ ही, सेवा नियम तय होंगे।



बैठक में जेलों के लिए अलग से इंटेलिजेंस विंग बनाने का निर्णय लिया गया। खुफिया विभाग के दो से तीन अधिकारियों को जेलों में तैनात किया जाएगा। वे कैदियों व बंदियों के अलावा जेल स्टॉफ पर भी नज़र रखेंगे। किसी भी तरह की गड़बड़ होने पर इसकी सूचना सीधे सरकार को की जाएगी। बंदियों व कैदियों को अच्छा खाना मुहैया करवाया जाएगा। साथ ही, पूरे जेल कैम्पस व बैरक में साफ-सफाई का विशेष प्रबंध किया जाएगा। जेलों में सुधार के लिए जेल मंत्री चौ़ रणजीत सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी गठित की थी। कमेटी ने पंद्रह बिंदुओं पर काम किया और अपनी रिपोर्ट जेल मंत्री को सौंपी। जेल मंत्री ने इस रिपोर्ट पर सीएम से चर्चा की। इसके बाद ही नूंह में जेल अधिकारियों के साथ बैठक का निर्णय लिया गया। अधिकारियों द्वारा की गई अधिकांश सिफारिशों को सीएम ने मंजूरी दी है।




जेल मंत्री चौ़. रणजीत सिंह ने कहा कि बिजली विभाग में 3 बार बिजली चोरों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक हो चुकी है। सीएम ने हमेशा ही अच्छे कार्यों की सराहना की है और पूरा भरोसा जताया है। अब जेलों में सुधार व सुविधाओं को लेकर जितने भी मुद्दे उनके सामने रखे गए, उन्होंने सभी पर मुहर लगा दी। जेल अधिकारियों को कई तरह की नई सुविधाएं मिलेंगी। बंदियों व कैदियों के खाने के अलावा रहन-सहन में सुधार होगा। प्रदेश की सभी जेलों को आधुनिक बनाया जाएगा।

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