सगाई की रस्म के बाद ही दुलहन को ससुराल ले जाने का किया फैसला, बिना दहेज के की शादी

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 सगाई की रस्म के बाद ही दुलहन को ससुराल ले जाने का किया फैसला, बिना दहेज के की शादी

हर कोई चाहता है कि उनकी शादी एक बहुत ही यादगार तरीके से हो। जिसे हर कोई याद रखें और शादी करने के लिए सबसे पहला काम दुल्हन की गोद भराई से शुरू होता है। अभी झुंझुनू से एक मामला सामने आया है जिसमें दो परिवारों में कुछ ऐसी बात बनी कि एक भी मिनट देरी किए बिना उन्होंने ₹1 और नारियल में शादी करने को राजी हो गए।

सगाई करने के लिए वह लड़की के घर पहुंचे थे और दुल्हन के साथ फेरे लेकर वापस लौटे। इस शादी के लिए ना तो कोई कार्ड छपे और ना ही कोई रस्मो रिवाज हुई और सबसे खास बात यह है कि यह शादी बिना दहेज के हुई है। यह चट मंगनी पट ब्याह हुआ है। इन सभी सगाई की  रस्मों को फेरों में बदला और शादी रचाई।

सगाई की रस्म के बाद ही दुलहन को ससुराल ले जाने का किया फैसला, बिना दहेज के की शादी

आपको बता दें जिन परिवारों की हम बात कर रहे हैं, उनमें से पहले भड़ौंदा खुर्द निवासी सुरेंद्र जांगिड़ के बेटे मुकेश की रविवार को केहरपुरा खुर्द के बुधराम जांगिड़ की बेटी रिंकू के साथ गोद भराई की जा रही थी। परिवार के लोग महज गोद भराई के लिए गए थे।

सगाई की रस्म के बाद ही दुलहन को ससुराल ले जाने का किया फैसला, बिना दहेज के की शादी

दुल्हा पक्ष ने तय किया कि,  दुल्हन को साथ लेकर ही अब वापस जाएंगे।  तो उसी समय सभी शादी की तैयारियां शुरू हुई। दूल्हे को बग्गी पर बैठाया, बिन्नोरी  निकाली गई। तुरंत ही शादी की सारी रस्में पूरी हो गई।

सगाई की रस्म के बाद ही दुलहन को ससुराल ले जाने का किया फैसला, बिना दहेज के की शादी

इसी मौके पर सभी की सहमति से दहेज के रूप में सिर्फ ₹1 और नारियल लिया गया। दूल्हा पक्ष ने बिना दहेज के शादी की सभी रस्में बखूबी निभाई। इस दौरान सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र जांगिड़, सहायक अभियंता विजयपाल लालपुरिया, ताराचंद जांगिड़, इंचार्ज सदर थाना सीकर सुनील जांगिड़ मौजूद रहे। आपको बता दें बोला मुकेश चिड़ावा में मेडिकल एजेंसी चलाता है और बात करें दुल्हन रिंकू की तो वह अभी रीट का एग्जाम दिया था।