कम हुआ लोगों में बहुमंजिला इमारतों का आकर्षण, टूटा भ्रम और छोटे घरों के लिए बिल्डरों के पास शुरू आवागमन



पिछले दिनों जिस तरह दिल्ली और गुरुग्राम में इमारत गिरने की घटनाओं के बाद लोगों का बहुमंजिला इमारत से भ्रम कम होता हुआ देखा गया है, तो वहीं अब ऐसे में लोग अब प्रॉपर्टी डीलर की सहायता से फ्लैट की जगह प्लॉट पर छोटे घर तलाशने शुरू कर रहे हैं, क्योंकि जिस तरह बहुमंजिला इमारतों की गिरने के कई मामले सामने आए हैं, उससे लोगों में दहशत पैदा हो गई है। ऐसे में छोटे घरों और प्लॉट के लिए प्रॉपर्टी डीलरों का आवागमन लगा रहता है।


वैसे गुरुग्राम नोएडा की तर्ज पर तेजी से विकसित हो रहा है, ऐसे ही ग्रेटर फरीदाबाद वर्ष 2010 में बसना शुरू हो गया था। वर्ष 2012 तक आते-आते बहुमंजिला इमारत तैयार हो गई थी। वहीं वर्तमान में यहां 50 से अधिक सोसाइटी है, और इसमें 2 लाख़ से अधिक आवंगतुक रहते हैं। ऐसे में गुरुग्राम की तरह बिल्डर की लापरवाही इनकी भी जान पर भारी पड़ न जाए। इसी के चलते अब लोगों में इमारतों के प्रति सजगता को देखने को मिल रही हैं।

वहीं लोगों के मन में पिछले दिनों गुरुग्राम और दिल्ली में हुई इमारत गिरने की घटना से जिस तरह डर पनपने लगा हैं। अब लोगों का कहना है कि बहुमंजिला इमारतों का बाहरी ढांचा और क्लब, जिम, पार्क, सोसायटी, पार्किंग आदि देखकर फ्लैट खरीदते हैं, लेकिन नुकसान और इसका परिणाम बाद में देखने को मिलता है। लोगों का कहना हैं कि 4 साल में इमारत के प्लास्टर भी झड़ने लगता है। जिम, पार्किंग जैसी सुविधाएं के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ती हैं।



ऐसे में मुख्यमंत्री के आने के बाद से ही बिल्डरों में इस बात की चिंता सताने लगी है कि गुरुग्राम की तरह उनके द्वारा फरीदाबाद में बनाई बहुमंजिला इमारतों की जांच के आदेश न मिल जाए। ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को गुरुग्राम के खतरों वाली ऊंचाई इमारतों के संरचनात्मक जांच कराने के आदेश दिए हैं।


साथ ही बता दे गुरुग्राम में फ्लैट में रह रहे लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए 25 व 26 फरवरी को आयोजित होने वाले सेमिनार में उपस्थित होंगे। ऐसे में उनके फरीदाबाद में भी आने का अनुमान है। लिहाजा इससे बिल्डरों की चिंता बढ़ गई है कि ग्रेटर फरीदाबाद में 50 से अधिक सोसाइटी में बिल्डर ने ऊंची ऊंची इमारतें बन तैयार कर दी हैं,मगर सुविधाओं के नाम पर कई बार लोगों ने इस बात की शिकायत की हैं, मगर आलम यह है कि कोई सुनवाई नहीं हुई हैं।

deepika gaur

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