जैसा की आप सभी को पता ही है अब सरकार देश को सुरक्षित करने के लिए नए-नए एक्शंस ले रही है। जिसमें से उन्होंने एक एक्शन लिया था कि जो भी शराब पीता हुआ पकड़ा जाएगा उस पर जुर्माने का प्रावधान होगा। लेकिन अब सरकार का फैसला आया है कि शराब पीते हुए पकड़े जाने पर जेल नहीं जाना पड़ेगा, बस शर्तें शराब पीने वाला व्यक्ति यह बता दें कि उसे शराब कहां से और किससे मिली है।
इसके बाद अगर पुलिस या उत्पाद विभाग की कार्यवाही में बताई गई जगह पर शराब बरामद हो जाती है या फिर शराब बेचने वाला पकड़ा जाता है, तो शराब पीने वाले को जेल नहीं ले जाया जाएगा। मध निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के ऊपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर सभी जिलों के उत्पाद अध्यक्षों को भी यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
आपको बता दे, उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने सोमवार को सचिवालय स्थित विभागीय सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि शराब बेचने वालों का पता बताने वालों की कानूनी प्रक्रिया के तहत पूरी मदद की जाएगी। इसका उद्देश्य शराब के अवैध कारोबार की जड़ तक पहुंचना है।
यह इसलिए किया गया क्योंकि, शराब के विरुद्ध अभियान में जेल जाने वालों में शराब पीने वालों की संख्या अधिक थी। नए निर्देश का मकसद शराब बेचने वालों को जेल भेजना है। शराब पीने वालों की निशानदेही पर गिरफ्तारी होने पर तस्करों में भी खौफ बढ़ेगा।
आपको बता दे, होली को देखते हुए विशेष छापेमारी अभियान भी चलाया जा रहा है। अधिकतर रात के समय ड्रोन से छापेमारी की जा रही है। उत्पाद आयुक्त ने बताया कि अभी तक ड्रोन, हेलीकाप्टर आदि की मदद से आपरेशन सर्च एंड डिस्ट्राय यानी शराब खोजो और नष्ट करो अभियान चल रहा था।
लेकिन अब इसकी जगह अफसरों को सर्च एंड अरेस्ट यानी खोजो और गिरफ्तार करो अभियान शुरू करने का निर्देश दिया गया है। इसमें हेलीकाप्टर और ड्रोन की मदद से अवैध शराब के अड्डों का पर्दाफाश कर तस्करों की गिरफ्तारी पर भी ध्यान होगा। इसके अलावा हर जिले में ऐसे लोग भी चिन्हित किए जाएंगे जो शराब के अवैध निर्माण से जुड़े हैं और बार-बार यह अपराध कर रहे हैं।
आपको बता दे, शराब के विरुद्ध अभियान में 34 ड्रोन को लगाया गया है, जो अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर रहे हैं। इसके अलावा तीन हेलीड्रोन और एक हेलीकाप्टर की मदद से गंगा दियारा क्षेत्र में निगरानी रखी जा रही है। जलमार्ग से शराब तस्करी रोकने को नदी गश्ती भी की जा रही है।
जल्द ही चार हाई स्पीड बोट की उपलब्धता भी हो जाएगी। इसके अलावा पटना, भोजपुर, सारण, वैशाली और पश्चिम चंपारण में एक-एक सेटेलाइट फोन भी उपलब्ध कराया गया है, जो हेलीकाप्टर व ड्रोन से अभियान के दौरान संपर्क करने में मदद करेगा।