भले ही पुराने जमाने में बेटी को बोझ और घर के एक दायरे में ही सीमित रखने की परंपरा रही। लेकिन बदलते समय ने बेटी की काबिलियत और ताकत को पहचान लिया और बेटियों में भी समय-समय पर हर क्षेत्र में अपनी ताकत भी दिखाई। हरियाणा कन्या भ्रूण हत्या के लिए हमेशा संकेत प्रदेश रहा है लेकिन बदलती सोच और सरकार के प्रयासों ने आज इस सोच को पूर्ण रूप से बदल दिया है और आज प्रदेश की बेटियों ने हर क्षेत्र में समाज को अपनी ताकत का एहसास भी कराया है।
बता दे पानीपत जिले की पहली मुदिता जागलान सीनियर भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए अब राष्ट्रीय महिला टीम में खेलती नजर आएगी। आज ही सीनियर भारतीय महिला हॉकी टीम में सिलेक्शन होने की खबर आते ही उसके कब से इसराणा में इनके परिवार और शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बता दे जिले में पहली बार ऐसी युवती है,
जिसने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से भारतीय टीम में स्थान बनाया है। वही मुदिता के पिता नरेंद्र सिंह दिल्ली पुलिस में के कर्मचारी हैं और बेटी के खेल को देखकर न केवल नरेंद्र सिंह बल्कि पूरा जिला अपने आप को गौरव महसूस कर रहा है। कुछ आजाद मलिक का कहना है कि मुदिता पढ़ाई के क्षेत्र में भी अव्वल होने के साथ-साथ हॉकी की एक होनहार खिलाड़ी है और जूनियर और सीनियर टीम में भाग लेती रही और फील्ड पर खेलती हुई कई बार हारे हुए मैच में भी विजय दिलवा चुकी है।
जोकि एक दिन देश का नाम रोशन अवश्य करेगी मुदिता ने कहा कि पिता नरेंद्र सिंह ने हमेशा बेटे की तरह उन्हें पाला और समाज प्रदेश और देश का नाम रोशन करने की प्रेरणा दी। नहीं पीता दिल्ली पुलिस में कर्मचारी हैं। साथ ही जिस प्रकार से वह अपने कार्य को बड़ी लगन और ईमानदारी से करते हैं उन्हीं से प्रेरणा लेते हुए मैं भी हर काम को चाहे वह शिक्षा हो या खेल मैं उसे बड़ी ईमानदारी और मेहनत से करती हूं और पिता का सम्मान हमेशा सर्वोपरि है। और एक दिन देश का नाम जरूर रोशन करूंगी।
मुदिता सातवीं कक्षा में पानीपत के आर्य गर्ल्स पब्लिक स्कूल कि जब स्टूडेंट थी। तब वहां हॉकी के कोच संजीव त्यागी थे और संजीव त्यागी ने मुद्दा के पिता नरेंद्र सिंह जागलान को इसे हॉकी खेलने के लिए कहा और मुद्दा अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय हिसार के हॉकी कोच आजाद मलिक और हॉकी फाउंडेशन के महासचिव सुशील मलिक को देती है। यह आजकल पंजाब यूनिवर्सिटी की छात्रा है पानीपत के इसराना की बेटी मुदिता जागलान ने उनको गोल्ड और सिल्वर मेडल अतीत में जीते हैं यह जूनियर हॉकी टीम की कोच भी रही हैं।