हिसार की जेल के निरक्षण करने के उपरांत जेल एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्री रणजीत सिंह पत्रकारों से रूबरू हुए। जेल निरीक्षण के दौरान उन्होंने गुणवतता जांचने के लिए केदियों को दिया जाने वाला भोजन भी ग्रहण किया।
तदुप्रांत उन्होंने एक नए बदलाव के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आगामी एक अप्रैल से प्रदेश की जेलों में बंद कैद अपने परिजनों से फोन पर 10 मिनट बात कर पाएंगे। बताते चलें कि पहले यह समय अवधि मात्र 5 मिनट हुआ करती थी, जिसे अब दुगुना कार्य हुए इसे बढ़ाकर 10 मिनट कर दिया जाएगा।
रणजीत सिंह ने बताया कि प्रदेश की बढ़ रही जनसंख्या के अनुपात में जेलों की संख्या बढ़ाने पर भी काम हो रहा है। इस कड़ी में निकट भविष्य में फतेहाबाद, दादरी समेत कई जिलों में जेलों के निर्माण की कार्य योजना पर विचार किया जा रहा है। हिसार जेल को शिफ्ट कर शहर से बाहर लगभग सौ एकड़ भूखंड पर नई जेल का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जेल प्रथम में 2 हजार तथा जेल द्वितीय में 1 हजार हवालाती एवं कैदी हैं। जेल प्रथम का निर्माण वर्ष 1957 में किया गया था, जो शहर के बीच में आ चुकी हैं। शहर से बाहर सौ एकड़ भूखंड पर नई जेल का निर्माण करवाया जाएगा।
रोहतक में बनने वाली नई जेल अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों तथा संसाधनों से लैस होगी। जो देशभर में मॉडल बनेगी। इस जेल में जम्मू-कश्मीर के कैदियों तथा अन्य राज्यों के खूंखार केदियों को रखा जाएगा। मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 18 हजार वार्डरों को पदोन्नत कर हेड वार्डर बनाया गया है। मांग अनुसार अन्य वार्डरों की नियुक्ति की जाएगी। सरकार की जेलों का नाम बदलने पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। जेलों को कारागार सुधार गृह का नामकरण करने अथवा इसी तरह का अन्य नाम दिए जाने की योजना है।