कोरोना वायरस की सचाई छिपाने के लिए और पड़ोसी देशों की ज़मीन पर आँखे गड़ाने के लिए चीन दुनियाभर की किरकरी झेल रहा है। चीन के लिए मानो मुश्किलें खत्म होने का नाम नही ले रही है और इसी बीच चीन मे एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार यह हाल के वर्षों मे सोने का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। यह घोटाला उसी इतिहासिक शहर से आया है, जहाँ से कोरोना महामारी ने जन्म लिया था यानी “वुहान”। रिपोर्ट्स के अनुसार चीन के स्वर्ण भंडार मे 4 फीसदी से अधिक सोना नकली हो सकता है।
फर्जीवाड़ा है क्या ?
पिछले कुछ वर्षों मे चीन के हुबई प्रांत की सबसे बड़ी प्राइवेट ज्वेलरी कंपनी “किंग्गोल्ड” ने अपने 83 टन “सोने” को अलग अलग बैंको के पास गिरवी रख कर 16 बिलियन युआन का कर्ज लिया था। अब जांच के बाद यह सामने आया है कि वह 83 टन सोना असली सोना नही बल्कि कॉपर था जिस पर सोने की परत चढ़ाई गयी थी।
इस घोटाले का पता कैसे चला ?
पूरा मामला तब सामने आया जब चीन के एक बैंक “डाँगगुआन ट्रस्ट”(जिन्होंने किंग्गोल्ड को कर्ज़ दिया था) ने जैसे ही “किंग्गोल्ड” का सोना बेचने की कोशिश करि तो जांच के बाद पता चला कि वो “सोना” नही बल्कि कॉपर है। इस खबर के सामने आते ही उन बैंको (जिन्होंने “किंग्गोल्ड” को सोना गिरवी रख कर कर्ज़ दिया था ) की हालत खराब होगयी और जब उन्होंने भी जांच करि तो पता चला कि उनके पास भी सोना नही बल्कि कॉपर ही है।
कौन है इस फ्रॉड कंपनी के मालिक?
इस कंपनी के चेयरमैन ” जिया झिहोंग” है और वो पूर्व मे चीन की शक्तिशाली पीपलस लिबरेशन आर्मी के पूर्व अधिकारी थे। उनके पूर्व पद को देखते हुए बिना किसी सवाल जवाब के, उनको यह सारे कर्ज़ दिए गए थे।
बैकग्राउंड
किंग्गोल्ड वर्ष 2019 मे भी अपना कर्ज़ चुकाने मे असफल हुई थी क्योंकि किंग्गोल्ड ने चीन के हाउसिंग प्रोजेक्ट मे बड़े पैमाने पर पैसा खोया था। किंग्गोल्ड इमारतें बनाती चली गयी और मार्किट मे मांग न होने के कारण कोई खरीदार ही नही मिला और इन सभ के बाद किंग्गोल्ड अब बर्बादी की कगार पर पहुँच चुकी है।
चीन को अब क्या खतरा है?
जिस प्रकार अमेरिका मे लेहमैन ब्रदर की बर्बादी के बाद 2008-09 के बीच अमेरिका मे वितयी संकट आगया था , उसी प्रकार चीन पर भी अब यह खतरा मंडरा रहा हैं। अब किंग्गोल्ड की बर्बादी के बाद वो अपना कर्ज़ नही चुका पाएंगे और इस कारण चीन के कई बैंक भी खतरे मे आ सकते है। साथ मे इन कंपनियों ने इन्शुरन्स करवा रखा था और इतने बड़े नुकसान की भरपाई करते-करते वो भी बर्बाद हो जाएंगे।अर्थशास्त्रियों के अनुसार चीन की अर्थव्यवस्था ताश के पत्तो की तरह बिखर सकती है।
ऐसा नही है कि चीन मे यह फर्जीवाड़े का पहला मामला है पर 2016 मे भी एक ऐसा ही सोना घोटाला सामने आया था, जहाँ 16 बिलियन युआन का फर्ज़ीवाड़ा किया गया था।
Written by – Harsh Datt
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