जैसा की आप सभी को पता ही है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिस वजह से आम जनता बहुत परेशान हैं। कुछ महीने से पेट्रोल भरवाते भरवाते लोगों के घर के बजट बिगड़ने शुरू हो गए हैं। लोग सिर्फ यही सोचते रहते हैं कि काश वह 90 के दशक वाले जमाने फिर से लौट आए, जहां तेल इतना सस्ता मिलता था । जिससे थोड़े पैसे में ही गाड़ी फर्राटे से दौड़ती थी।
अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं, तो आज हम आपके लिए बहुत ही खुशखबरी भरी खबर लाए हैं। मोदी सरकार एक खास तैयारी शुरू करने वाली है, जिसकी वजह से पेट्रोल के दामों में भारी गिरावट नजर आएगी। आप पेट्रोल पंप पर जाएंगे तो आपको वही 90 के दशक वाले दिन याद आएंगे। अब आपको बताते हैं क्या है सरकार की तैयारी।
अगर बात करें वर्तमान के तो पेट्रोल और डीजल के रेट लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बता दें भारत कच्चे तेल के लिए पूरी तरह खाड़ी देशों पर निर्भर है। ऐसे में दाम कम या जायदा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही तय हो पाते हैं। कच्चा तेल महंगा होगा तो दाम भी बढ़ेंगे और अगर सस्ता होगा तो भारत में भी पेट्रोल सस्ता हो जाएगा।
जैसा कि आपको पता ही है फिलहाल रूस और यूक्रेन के जंग चल रही है जिस वजह से हालत बहुत ही ज्यादा खराब है। रूस एक प्रमुख तेल उत्पादक देश है। इस वजह से उसका जंग में शामिल होना कच्चे तेल की कीमतों को आसमान पर पहुंचाने के लिए काफी है। कच्चे तेल के दाम जंग के बाद लगातार बढ़ते जा रहे हैं जिसका असर भारत पर हम देख सकते है।
बस आपको उस समय आपसे बात करना है उसके बाद आप आराम से वाहनों में पेट्रोल भरवा कर उन्हें मजे से चला पाएंगे। इसके लिए मोदी सरकार ने तैयारी कर ली है और आपको रेट ऐसे मिलेंगे कि 90 के दशक वाला जमाना याद आ जाएगा। मोदी सरकार की तैयारियों के बारे में नितिन गडकरी ने बताया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि 6 महीने के अंदर ही फ्लेक्स फ्यूल वाले वाहनों का विनिर्माण शुरू हो जाएगा। उनका कहना है कि इसके लिए ऑटोमोबाइल कंपनियों के बड़े अफसरों ने उनसे वादा भी किया है। शनिवार को ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट को उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित किया था।
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि भारत में ज्यादातर वाहनों को 100 फीसदी एथेनॉल से चलाया जाएगा। बता दें कि पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने पर ब्लैंडेड फ्यूल बनता है। ये सामान्य पेट्रोल की तुलना में आधी कीमत पर मिलता है। गडकरी का कहना है कि सार्वजनिक परिवहन को 100 फीसदी स्वच्छ ऊर्जा से चलाने की योजना है।
अब बात करें फ्लेक्स फ्यूल की तो आसान भाषा में हम आप को समझाते हैं। यह गैसोलीन और मेथेनॉल या एथेनॉल को मिलाकर बनाया जाता है। इसकी कीमत बेहद ही कम है। फ्लेक्स फ्यूल का रेट 90 के दशक के पेट्रोल के रेट के समान है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि बजाज और टीवीएस जैसी कंपनियों में तो तिपहिया और दुपहिया वाहनों के लिए फ्लेक्स फ्यूल इंजन बनाने भी शुरू कर दिए हैं।