35वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला 2022 इस बार 19 मार्च से शुरू होने जा रहा है. पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के सचिव अरविंद सिंह ने कहा कि 35वां सूरजकुंड मेला लंबे समय के बाद आयोजित किया जा रहा है. महामारी की वजह से बीते साल में इस मेले को स्थगित कर दिया गया था. इस वर्ष सूरजकुंड मेला नए सिरे से एक बड़े आयोजन के साथ आया है.
सूरजकुंड मेला 19 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। 35वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का उद्घाटन शनिवार शाम को हरिय़ाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और राज्यपाल बण्डारू दत्तारेय संयुक्त रूप से करेंगे।
जम्मू-कश्मीर के 15 शिल्पगुरुओ को पर्यटक पशमीना शाल बनाते देख सकेंगे। जम्म-कश्मीर के पर्यटन सचिव सरमद हफीज ने कहा कि, कुछ इस तरह से डिजाइन करके अपना घर बनाया गया है, जिससे पर्यटकों को लगे कि वे जम्मू-कश्मीर में हैं। मेले में जम्मू-कश्मीर के 50 स्टाल होंगे। इनमें 15 शिल्पगुरु के साथ नेशनल अवार्डी भी होंगे।
मेले में हस्तशिल्पी अपने स्टाल पर पशमीना शाल तथा कारपेट बनाते नजर आएंगे। अपना घर देखने के लिए पर्यटक 19 मार्च से शुरू होने वाले मेले में आने वाला पर्यटक मुख्य चौपाल से वीआइपी गेट की ओर मुड़ जाएं। इस मार्ग पर बाईं तरफ जम्मू-कश्मीर का अपना घर बनाया गया है। दिल्ली की ओर से आने वाले पर्यटक छतीसगढ़ गेट से होते हुए यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
वहीं, सूरजकुंड मेले में थीम स्टेट जम्मू-कश्मीर का अपना घर खास तरह से डिजाइन किया गया है। वीआइपी गेट के पास बनाए गए अपना घर में तीन तरफ खिड़कियां हैं। प्लाई और वुडन का यह घर दो मंजिला है। अपना घर की दोनों मंजिलों पर मिट्टी के चूल्हे बनाए जा रहे हैं।
कश्मीरी घर के डिजाइनों का अपना समृद्ध इतिहास है। खास बात यह है कि घर के दरवाजे के साथ खिड़कियां हैं। इसके अलावा दोनों तरफ भी खिड़कियां हैं। छत की बात करें, तो पहले मंजिल पर आपको गैलरी मिलेगी। पहली मंजिल पर चले जाएंगे, तो गर्मी में गैलरी में बैठ कर पर्यटक हवा का आनंद उठा सकते है।
इस घर को बनाने में जुटे कारीगर राजूद्दीन, अरविंद तथा गुड्डू राज ने बताया कि अपना घर में थोड़ा सा काम बाकी है। घर के फर्श की गोबर से लिपाई की जाएगी, ताकि शनिवार को आने वाले पर्यटक अपना घर का दीदार कर सकें।
समय के साथ तालमेल बिठाते हुए, पेटीएम इनसाइडर जैसे पोर्टलों के माध्यम से ऑनलाइन टिकट उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे मेले में आने वाले लोगो को लंबी कतारों की परेशानी के बिना मेला परिसर में आसानी से प्रवेश करने में मदद मिलती है. मेला स्थल तक आसपास के क्षेत्रों से आने वाले दर्शकों को लाने के लिए विभिन्न स्थानों से विशेष बसें चलेंगी