सरकार का उद्देश्य है की सरकार द्वारा जितनी भी योजना है उनका लाभ निम्न स्तर के प्रत्येक व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिल सके । मुख्यमत्री विवाह शगुन योजना के तहत अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग की बेटियों के विवाह के लिए इस योजना से लाभ लिया जा सकता है किसी इस योजना से पिछले बार भी की बेटियां को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही थी ।
सरकार का इस बात पर जो रहता है कि इस योजना का लाभ शादी से कुछ दिन पहले या शादी के मौके पर मिले लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते लाभार्थी को यह पैसा बहुत देर से मिलता है इस मामले में अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री डॉक्टर बनवारीलाल के गृह जिला रेवाड़ी की स्थिति बेहद खराब है
पिछले 2 वर्षों से आंकड़े बताते हैं कि 75 हजार से अधिक बेटियों ने शगुन के लिए आवेदन किया था परंतु वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 29000 हो गया वहीं 2021 की बात की जाए तो 36000 आवेदन आए हुए हैं 2020 में केवल 7000 बेटियों को ही विवाह के मौके पर इस राशि का लाभ प्राप्त हुआ था वर्ष 2021 में भी 7000 से कुछ अधिक संख्या में बेटियों को यह पैसा मिल पाया था
बता दें कि इस योजना के अनुसार इन बेटियों को ₹71000 का सुकून मिलता है वही अन्य श्रेणियों में यह कैसा 51 या 31000 मिलता है पिछले दिनों सरकार ने वहां के अधिकारियों को खास बातें दी गई है कि यह पैसा या तो शादी से पहले मिले या फिर शादी वाले दिन जाना चाहिए ताकि पैसा उनके काम आ सके
वर्ष 2021 में शगुन राशि समय से पहले देने के मामले में अंबाला जिला टॉप हो रहा है इस दौरान अंबाला में 885 बेटियों को इस योजना का लाभ मिला है वही पलवल में एक भी बेटी को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है दादरी में 11 भिवानी में 163 फरीदाबाद में 170 फतेहाबाद में 286 गुरुग्राम में 460 हिसार में 288 झज्जर में 494 जींद में 379 कैथल में 350 करनाल में 487 कुरुक्षेत्र में 817 मुंह में 117 नारनौल में 161 पंचकूला में 32 पानीपत में 334 रेवाड़ी में 153 रोहतक में 156 सिरसा में 550 सोनीपत में 556 तथा यमुना नगर में 575 बेटियों को समय से पहले इस योजना का लाभ मिला है