जैसे कि आप सभी का पता ही है कि यूपी में एक बार फिर से योगी सरकार ने अपनी धमाकेदार वापसी कर ली है। वैसे तो योगी आदित्यनाथ ने अपनी वापसी का दावा पहले ही कर दिया था। इसी वजह से उन्होंने कानून व्यवस्था को यह बताया था कि जो सपा सरकार की हार का प्रमुख कारण बनी थी। इसी वजह से जो कि अपने दूसरे कार्यकाल में भी इस मुद्दे से डिगना नहीं चाहते है।
वहीं अगर बात करें अपराधियों की तो उन्हें फिर से योगी का खौफ हो रहा है। हिस्ट्रीशीटर में हड़कंप मच गया है कि कैसे योगी सरकार की वापसी में अपनी जान बचा सके। इसी वजह से सभी अपराधी लाइन लगाकर खुद ही पुलिस स्टेशन पहुंच रहे हैं और हाथ जोड़कर दोबारा कभी अपराध ना करने की कसम खा रहे हैं।
सपा सरकार विकास कार्यों को तो आगे रखती है, लेकिन कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हमेशा विपक्ष के निशाने पर रहती है। इसकी वजह यह है क्योंकि सपा सरकार में अपराधियों को कोई खौफ नहीं रहता था और सरकार की मदद लेकर अपराध करते थे। इसी वजह से अखिलेश अक्सर बैकफुट पर जाया करते थे।
हालांकि मायावती का शासन उनकी तुलना में कानून व्यवस्था के मामले में बेहतर हुआ करता था। दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ की सरकार में भी कानून व्यवस्था दुरुस्त रही जिसकी लोग तारीफ भी करते हैं। योगी की वापसी में भी ये मुद्दा काफी अहम रहा। माफिया पर लगाम कसने में उन्होंने कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी।
एक बार फिर से एक बार फिर से योगी सरकार लौट आए हैं। इसका असर भी अपराधियों में दिख रहा है। ताजा घटना सहारनपुर से आई है। यहां अपराधियों में जुर्म छोड़ने की कसम खाने की होड़ लगी हुई है। एसएसपी ने बताया कि यहा के चिलकाना थाने में 13 हिस्ट्रीशीटर अपराधी आए थे। इन लोगों ने सरेंडर कर दिया था।
इसके अगले दिन गागलहेड़ी थाने में एक अलग ही नजारा दिखाई दिया। यहां सुबह सुबह 8 हिस्ट्रीशीटर लाइन लगाकर पहुंच गए। पुलिस के हाथ जोड़कर खड़े हो गए। सभी ने सरेंडर कर दिया पुलिस के सामने भविष्य में दोबारा अपराध ना करने की कसम खाई।
हाथ जोड़कर अपराधियों ने पुलिस से अपील की कि, वह जब कहेंगे तब वह थाने आ जाएंगे और हमेशा पुलिस के संपर्क में रहेंगे। पुलिस ने भी उनको ईमानदारी के साथ जीवन यापन करने और भविष्य में अपराध ना करने की सलाह दी। यह नजारा अब यूपी के थानों में आम हो गया है।
वहीं योगी के लौटते ही बुल्डोजर चलना भी शुरू हो गया है। मेरठ में माफिया के अवैध कब्जे को हटाने का काम शुरू हो गया था। इसके बाद मुख्तार अंसारी के करीबी पर भी शिकंजा कस गया।
योगी सरकार इस बार भी माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है और अपराध पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। इसका वादा योगी ने चुनाव के दौरान ही कर दिया था।