हमारे और देश की रक्षा के लिए एक फौजी सरहदों पर दिन-रात खड़ा रहता है। ना वह गर्मी देखता है ना वह सर्दी देखता है। ना किसी तीज त्यौहार को देखता है। बस हमारी सुरक्षा के लिए खड़ा रहता है। अपनी सेवा देने के बाद एक फौजी रिटायर होकर अपने घर आता है। तो वह उसके लिए सबसे खुशी का दिन होता है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए फौजी के घरवाले और खुद फौजी हर मुमकिन कोशिश करते हैं। जिससे कि यह दिन हमेशा हमेशा के लिए याद रहे।
ऐसा ही एक मामला हमारे सामने मध्य प्रदेश के रहने वाले फौजी सोनू लाल गोस्वामी का आया है। जिसके रिटायरमेंट को उसके परिवार वालों ने मिलकर इतना ज्यादा यादगार बना दिया जो कि सोशल मीडिया पर सुर्खियों का विषय बन गया। आइए जानते हैं क्या किया उनके परिवार वालों ने।
आपका बता रहे हैं सोनू लाल गोस्वामी भारतीय सेना में हवलदार के पद पर तैनात थे। जब रिटायर होकर वे अपने घर पहुंचे तो पूरे गांव वालों ने उनके स्वागत में अपनी पलके बिछा दी।
रेलवे स्टेशन से लेकर घर तक फौजी का स्वागत इतने जबरदस्त तरीके से किया कि देखने के लिए आसपास के इलाके के लोगों ने भीड़ लगा ली। इन दिनों यह फौजी ग्वालियर में अपने परिवार के साथ अपना खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
फौजी रिटायर होकर अपने घर ग्वालियर पहुंचे तो उनकी पत्नी ने उनका बहुत अच्छे से स्वागत किया। उनके स्वागत को देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
आपको बता दें उनकी पत्नी उन्हें रेलवे स्टेशन से हाथी पर बिठाकर 8 किलोमीटर दूर अपने घर तक लेकर गई। इतना ही नहीं फौजी के स्वागत के लिए बैंड बाजे का भी पूरा इंतजाम किया हुआ था। फौजी ने भी पत्नी द्वारा सरप्राइस प्लान किए गए हाथी पर खड़े होकर सभी को सैल्यूट किया।
आपको बता दें, फौजी सोनू लाल गोस्वामी ने लहार स्थित गणेश पुर निवासी आरती के साथ शादी की है। इस शादी से इन दोनों के तीन बच्चे हैं। 18 फरवरी को 18 साल तक भारतीय सेना में हवलदार की नौकरी करने के बाद सोनू लाल गोस्वामी को रिटायरमेंट मिली थी।
इसके बाद 2 मार्च को वह ग्वालियर अपने घर लौटे और वहां उनकी पत्नी ने उनका बहुत जबरदस्त तरीके से स्वागत किया। जिसके चलते हर तरफ इन की बहुत चर्चा हो रही है। पत्नी आरती के मुताबिक उनके पति 18 साल बाद भारतीय सेना से रिटायर होकर घर लौट रहे हैं, तो उन्हें इस दिन की बहुत खुशी है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए उन्होंने उनका राजा महाराजाओं की तरह स्वागत किया।
फौजी की पत्नी ने बताया कि, जब उन्होंने यह सारी योजना अपने घर वालों को बताइए तो सभी बहुत खुश हुए। इसके बाद उनके भाई ने ओरछा से हाथी का इंतजाम किया। फौजी की पत्नी ने यह बात उन्हें बताने से मना किया था कि हाथी का इंतजाम करने में कितने पैसे खर्च हुए हैं।
लेकिन पत्नी का कहना है कि, “14 साल पहले ही उनके पति घोड़े पर चढ़कर उनके घर आए थे। आज जब वह देश की सेवा कर लौट रहे हैं तो मैं उन्हें हाथी पर बिठाकर लेकर आऊंगी। इस फौजी की पत्नी ने बड़े ही धूमधाम से हाथी पर बिठाकर अपने पति को घर लाई।
बताते चलें कि फौजी हाथी पर खड़े होकर सैल्यूट करते हुए घर आए और उनका यह जुलूस उन रेलवे स्टेशन से उनके घर तक 8 किलोमीटर तक चलता रहा।