किसी कारण वर्ष स्कूल ना जाने वाले बच्चों को अब बिना दस्तावेजों दाखिला मिल सकता है। बता दे अभी तक ऐसे 7 से 14 उम्र के 293 बच्चों की पहचान की गई है। शिक्षा विभाग ने इनको शिक्षक कर समाज की मुख्यधारा के साथ जोड़ने की प्लानिंग बनाई है वही मार्च 2022 तक हुए सर्वे में प्रदेश में ऐसे लगभग 18 हजार बच्चे मिले हैं। बता दे वही कुरुक्षेत्र की बात करें तो उसमें 293 बच्चे शामिल हैं।
समग्र शिक्षा से सहायक परियोजना संजय कौशिक का कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से मार्च 2022 में जिले आउट ऑफ स्कूल बच्चे का तीसरा सर्वे कराया गया था। जिसका उद्देश्य स्कूल ना जाने वाले बच्चों की पहचान कर उनका दाखिला स्कूलों में कराया जाना था। ताकि यह बच्चे भी शिक्षित होकर समाज के विकास के लिए अपना योगदान दें।
सर्वे में जिन बच्चों की पहचान करी गई है। अब उनका दाखिला सरकार स्कूलों में करा रही है। वही नए शिक्षा सत्र मैं अब इन बच्चों को दाखिले बिना दस्तावेज कराए जाएंगे। यह प्रोफेशनल दाखिले होंगे इससे दाखिले के लिए दस्तावेजों की बाध्यता खत्म हो गई है। ताकि बच्चों और अभिभावकों को परेशानी का सामना ना करना पड़े वहीं इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से सभी डीआईओ को आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। कि इन बच्चों से कोई दस्तावेज ना मांगे जाएं। वहीं दस्तावेज प्रबंध की प्रक्रिया को इनके दाखिले के बाद पूरा किया जाएगा।
कुरुक्षेत्र शिक्षा जिला परियोजना विनोद कौशिक का कहना है, कि समग्र शिक्षा विभाग की ओर से ड्रॉपआउट बच्चों का तीसरा सर्वे पूरा कर लिया गया है। जिसमें 293 बच्चे ड्रॉपआउट श्रेणी में मिले हैं। अब इन बच्चों को सरकारी स्कूलों में बिना दस्तावेजों के दाखिला कराया जाएगा।वहीं दाखिले के बाद दस्तावेज संबंधी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जिसके लिए बच्चों को पर्याप्त समय दिया जाएगा।