कहते हैं यदि आप किसी भी चीज को पाने के लिए सच्ची लगन और कड़ी मेहनत से प्रयास करें तो वो चीज आपको जरूर मिलती है। यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को आईएएस अंकिता चौधरी यही सलाह देती है, क्योंकि वो भी इसी मूल मंत्र को अपनाकर ऑल इंडिया रैंक 14 बनी थी।
रोहतक जिले के महम शहर की रहने वाली अंकिता चौधरी ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के हिन्दू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। उसके बाद उन्होंने यूपीएससी करने का मन बनाया। हालांकि, इससे पहले अंकित ने पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिला ले लिया था। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन उत्तीर्ण करने के बाद यूपीएससी की व्यापक तैयारी शुरू की।
अंकिता के पिता सत्यवान एक शुगर मिल में एकाउंटेंट का काम करते हैं। उनके अनुसार बेटी शुरू से पढ़ने में होनहार थी। इसीलिए क्लास बारहवीं के बाद उसे स्कॉलरशिप मिल गई।
इस कारण उसकी पढ़ाई में कभी आर्थिक दिक्कतें नहीं आई। लेकिन इन सब के बीच अंकिता की मां का एक सड़क हादसे में देहांत हो गया और इसका उनको बहुत दुख हुआ। लेकिन अंकिता उस समय कमजोर नही हुई और अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ती रही।
पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में अंकिता का चयन नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने दोबारा कोशिश की और इस बार पिछली गलतियों से सीखते हुए उन सब कमियों को दूर किया जो पिछली बार रह गई थीं। अपने दूसरे प्रयास के दौरान उन्होंने वो सब ऐप हटा दिया जो उन्हें पढ़ाई में डिस्टर्ब करते थे।
नतीजा यह हुआ की अंकिता का न केवल सेलेक्शन हुआ बल्कि वे टॉपर बनकर भी उभरीं। अपनी तैयारी के विषय में बात करते हुए अंकिता कहती हैं कि क्या करना है यह तो कुछ समय बाद हर कैंडिडेट को पता चल जाता है पर जरूरी यह भी है कि क्या नहीं करना है। अपने केस में बात करते हुए वे कहती हैं कि दो साल तक मैं जानती भी नहीं थी कि सोशल मीडिया किसे कहते हैं क्योंकि मेरे अनुसार यह ध्यान भटकाने का काम करता है।