गर्मी के मौसम में लू के थपेड़े खाने के बाद जब घर में घुसते हैं तो सिर्फ एक ही चीज याद आती है और वो है ठंडा पानी। पहले लोग पानी ठंडा रखने के लिए मटकों का इस्तेमाल करते थे। लेकिन आज कल रेफ्रिजरेटर का जमाना है। बहुत कम लोग ही मटकों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जिनके पास फ्रिज खरीदने के पैसे नहीं है वो लोग मटकों का इस्तेमाल करते हैं। रेफ्रिजरेटर का ठंडा पानी लोगों की हेल्थ को निक्सन पहुंचा सकता है लेकिन घड़े के पानी से कोई भी नुकसान नहीं होता। बाजार में एक घड़ा आपको 50 या 100 रुपए में आसानी से मिल जाएगा। लेकिन हाल ही में एक घड़ा 1 लाख 30 हजार रुपए में बिका है और जिसने यह खरीदा है वह इसके लिए ढाई लाख रुपए तक देने को तैयार थे।
आपको बता दें कि यह कोई चमत्कारी घड़ा या कुछ अनोखा नहीं है इसमें। बाजार में मिलने वाला यह आम घड़ा ही है और इसका गर्मी से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है। जी हां, ये आस्था का सवाल है और आस्था में डूबे भक्त अपनी पूरी संपत्ति भी दान कर सकते हैं इसमें कोई दो राय नहीं।
बीते 8 अप्रैल को समय था ओडिशा में भगवान लिंगराज के सालाना रुकुन रथ उत्सव की पूर्व संध्या का। इस समय मुक्तेश्वर मंदिर में स्थित मारिचि कुंड से पवित्र जल का पहला घड़ा निकाला गया। पवित्र जल से भरे इस घड़े की नीलामी हुई। दाम लगा 1 लाख 30 हजार रुपए।
वैसे, जिन्होंने यह पवित्र जल नीलामी में खरीदा वे इसके लिए ढाई लाख रुपए तक देने को भी तैयार थे। यह नीलामी आयोजन भगवान लिंगराज मंदिर के सेवक समूह बोडू निजोग की तरफ से आयोजित होता है।
दूसरा 47 हजार और तीसरा 13 हजार रुपए में हुआ नीलाम
मान्यता है कि मुक्तेश्वर मंदिर में स्थित मारिचि कुंड से निकाले गए पवित्र जल से स्नान करने पर प्रजनन से जुड़ी परेशानियां खत्म हो जाती है। खासकर यह महिलाओं के लिए लाभदायक माना जाता है। पवित्र जल से भरे इस घड़े की बोली भुवनेश्वर में ही बारामुंडा क्षेत्र के रहने वाले एक दंपति ने लगाई।
उन्होंने मारिचि कुंड से निकले पहले घड़े को एकलाख 30 रुपए में खरीदा। इसकी बेस प्राइस 25 हजार रुपए थी। वहीं दूसरे घड़े की बेस प्राइस 16 हजार रुपए थी। दूसरा घड़ा 47 हजार रुपए में नीलाम हुआ। वहीं, तीसरा घड़े में पवित्र जल 13 हजार रुपए मेंखरीदा गया।