फरीदाबाद में दिखी प्रशासन की क्रूरता, बच्चों ने पेडों में चिपककर उन्हें उखड़ने से रोका

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 फरीदाबाद में दिखी प्रशासन की क्रूरता, बच्चों ने पेडों में चिपककर उन्हें उखड़ने से रोका

फरीदाबाद के सेक्टर 15 में एक ऐसी घटना सामने आई जिसे देखकर भारत का इतिहास एक बार फिर से याद आ जाएगा बता दें फरीदाबाद में सेक्टर 15 में स्थित लेबर चौक पर बच्चों ने कूड़े के ढेर को हटाकर वहां पर पेड़ लगाए और उनकी रक्षा करते हुए उन्हें बड़ा किया।

बता दें रविवार को एफएमडीए का दस्ता इसे उजाड़ने के लिए उस स्थान पर पहुंचा परंतु वहां पर पर्यावरण प्रेमियों और उन बच्चों ने मिलकर चिपको आंदोलन की भांति खुद को पेड़ों से चिपकाए रखा।

फरीदाबाद में दिखी प्रशासन की क्रूरता, बच्चों ने पेडों में चिपककर उन्हें उखड़ने से रोका

और जो एफएमडीए के अधिकारी वहां पर पेड़ों को साफ करने पहुंचे थे उनसे पेड़ों को ना काटने की मांग की। दरअसल आपको बता दें कि एफएमडीए के अधिकारी वहां पर पेड़ पौधों को उजाड़ कर फुटपाथ पर साइकिल ट्रैक बनाने की बात कह रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर बच्चों का कुछ लोगों का कहना है कि यहां पर पहले कूड़े का ढेर हुआ करता था जिससे काफी प्रदूषण चलता था और लोग इससे काफी परेशान होते थे ।

फरीदाबाद में दिखी प्रशासन की क्रूरता, बच्चों ने पेडों में चिपककर उन्हें उखड़ने से रोका

परंतु इन बच्चों ने और पर्यावरण प्रेमियों ने यहां से गंदगी का अंबार हटाकर पेड़ पौधों को लगाया धर्म की रक्षा कर उनको बड़ा किया। इन बच्चों और पर्यावरण प्रेमियों के अथक प्रयासों से यहां पर एक मिनी फॉरेस्ट तैयार कर लिया गया ।

फरीदाबाद में दिखी प्रशासन की क्रूरता, बच्चों ने पेडों में चिपककर उन्हें उखड़ने से रोका

जिसे अधिकारी उजाड़ने की तैयारी कर रहे हैं फिलहाल बच्चों और लोगों के विरोध से कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही। लोगों ने बताया कि एफएमडीए सेक्टर 15-16 में डिवाइडिंग रोड का निर्माण कर रहा है ।

फरीदाबाद में दिखी प्रशासन की क्रूरता, बच्चों ने पेडों में चिपककर उन्हें उखड़ने से रोका

जिसके चलते वह साथ में फुटपाथ व साइकिल ट्रैक भी बना रहे हैं और रास्ते में आ रही ग्रीन बेल्ट के पेड़ों को सीधे काट रहे हैं। इसी के चलते रविवार को भी यह सरकारी अधिकारी पेड़ों को उजाड़ने 15 सेक्टर के लेबर चौक पर पहुंचे जहां बच्चों ने हिम्मत दिखाते हुए चिपको आंदोलन की तरह पेड़ों से चिपक कर उन अधिकारियों का विरोध किया और 5 साल पुराने इतनी फॉरेस्ट को अपने अथक प्रयासों से बचा लिया।

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